नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर अभी भी कन्फ़्यूजन बनी हुई है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस के 10 विधायकों ने रविवार को सिद्धू को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन के पंजाब कांग्रेस में योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बढ़ती तल्खियों के बीच मौजूदा प्रधान सुनील जाखड़ ने सोमवार को चंडीगढ़ में जिला प्रधानों और विधायकों की अहम बैठक बुलाई है।
कैप्टन के समर्थन में ये MLA
कैप्टन के समर्थन में आए विधायकों में हरमिंदर सिंह गिल, फतेहजंग सिंह बाजवा, गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलदीप वैद, बलविंदर लाडी, संतोख सिंह भलाईपुर, जोगिंदरपाल भोआ के साथ AAP छोड़कर कांग्रेस में आए सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह खालसा, जगदेव सिंह कमालू शामिल हैं।
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झगड़े से पार्टी का ग्राफ गिरा
पंजाब में कांग्रेस के झगड़े से पार्टी का ग्राफ गिरा है। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार यानी आतंकवाद के दौर के बाद कैप्टन की वजह से ही कांग्रेस यहां सरकार बन सकी थी। पंजाब के हित के लिए ही कैप्टन ने सांसद और मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
विधायक सुखपाल खैहरा ने कहा कि कांग्रेस में चल रहा झगड़ा खत्म होना चाहिए। कैप्टन बड़े नेता हैं और उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। हम सिद्धू के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरेआम पार्टी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। इससे पार्टी को नुकसान हुआ। प्रधान कोई भी बने हमें मंजूर है, लेकिन यह माहौल खत्म होना चाहिए।
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झगड़ा सुलझाने की कोशिश
इसी बीच सुनील जाखड़ ने चंडीगढ़ में जो बैठक बुलाई है, उसमें पंजाब कांग्रेस का झगड़ा जल्द सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
कैप्टन मानफी की मांग पर अड़े
वहीं, कैप्टन भी सिद्धू की माफी पर अड़े हुए हैं। इस वजह से कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर कांग्रेस को कौन लीड करेगा? इस वजह से पंजाब कांग्रेस मांग करेगी कि जल्दी प्रधान की घोषणा की जाए, ताकि पार्टी जमीनी स्तर पर अगले चुनाव के लिए काम शुरू कर सके।