हरतालिका तीज (Hartalika Teej) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जो सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास है। इस बार यह शुभ अवसर 26 अगस्त दिन मंगलवार को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके इसी दिन भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से निर्जला व्रत करती हैं। साथ ही, अविवाहित कन्याएं भी सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। हालांकि, 4 महिलाओं को हरियाली तीज (Hartalika Teej) का कठोर व्रत रखने से छूट दी गई है यानी वे महिलाएं अगर चाहें तो हरतालिका तीज का निर्जला व्रत छोड़ सकती हैं। आइए ज्योतिषाचार्य अंशु पारीक से जानते हैं कि वो कौन सी महिलाएं हैं जो हरतालिका तीज का व्रत छोड़ सकती हैं।
प्रेग्नेंट महिलाएं
प्रेग्नेंट महिलाओं को हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत करने के लिए मना किया है, क्योंकि यह व्रत निर्जला किया जाता है। इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को निर्जला व्रत न रखने की शास्त्रों में छूट दी गई है। गर्भवती महिलाएं तीज पूजा कर सकती हैं और चाहें तो व्रत कर सकती हैं, लेकिन निर्जला उपवास न रखें। 24 घंटे निर्जला उपवास न रखने के बजाय आप 12 घंटे रख सकती हैं और फलाहार कर सकती हैं।
बीमार महिलाएं
धर्म शास्त्रों में बहुत बीमार या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रही महिलाओं को हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का निर्जला व्रत न करने के सलाह दी गई है। ऐसी महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकती हैं, लेकिन कठोर व्रत करने की जरूरत नहीं है।
बुजुर्ग महिलाएं
ज्योतिष शास्त्र में बुजुर्ग महिलाओं को निर्जला व्रत न करने की सलाह दी गई है। हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत करने के लिए सेहतमंद होना बहुत जरूरी है। जिनकी महिलाओं की शारीरिक क्षमता निर्जला व्रत करने के योग्य न हो, उन्हें यह व्रत करने से बचना चाहिए।
कुंवारी कन्याएं
कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का निर्जला चाहें तो छोड़ सकती हैं। कुंवारी लड़कियां सामान्य व्रत कर सकती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकती हैं। लेकिन निर्जला व्रत करने की जरूरत नहीं है। अगर निर्जला व्रत करने का सामर्थ्य हैं तो अपनी इच्छानुसार कर सकती हैं।