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नए साल में बदल जाएंगे Mutual Funds में निवेश से जुड़े ये 5 नियम

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नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी नए साल में म्युचुअल फंड के नियमों में बदलाव करने जा रहा हैं। म्युचुअल फंड्स को निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में बदलाव हो रहे हैं। सितंबर महीने में सेबी ने मल्टी-कैप इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं के लिए पोर्टफोलियो आवंटन में कुछ बदलाव किये थे। बाजार नियामक सेबी निवेशकों को निवेश के पहले रिस्क का अंदाजा लगाने के लिए एक रिस्कोमीटर टूल की सुविधा देता है।

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अब इस टूल में 1 जनवरी 2021 से ‘बहुत अधिक जोखिम’ की कैटेगरी भी जोड़ दी जाएगी, जिससे निवेशक उत्पाद के बारे में सटीक अंदाजा लगा सकें। यह सुविधा 1 जनवरी से लागू हो जाएगी। हर महीने इसका मूल्यांकन भी किया जाएगा। एक जनवरी से सभी योजनाओं पर अलग से जोखिम की श्रेणी दर्शायी जाएगी और फंड हाउस को योजना के रिस्क प्रोफाइल में बदलाव होने पर निवेशकों को सूचित करना होगा।

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अब बदले हुए नियमों के अनुसार, किसी मल्टी-कैप म्युचुअल फंड स्कीम को 65 फीसद के स्थान पर कम से कम 75 फीसद इक्विटी में निवेश करना होगा। मल्टी कैप इक्विटी म्युचुअल फंड्स स्कीम्स में कम से कम 25-25 फीसद हिस्सा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश करना होगा। वर्तमान में मल्टी-कैप फंड कैटेगरी में कोई आवंटन से जुड़ा प्रतिबंध नहीं है। इनमें से कुछ बदलाव एक जनवरी से और कुछ उसके बाद लागू होंगे।

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