• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

छठ पूजा से जुड़ी हैं ये मान्यताएं, जानें पौराणिक कथा

Writer D by Writer D
06/11/2024
in फैशन/शैली, धर्म
0
Chhath Puja

Chhath Puja

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

महाभारत के अनुसार, इस पर्व (Chhath Puja) की शुरुआत अंगराज कर्ण से मानी जाती है। अंगराज कर्ण के विषय में कथा यह है कि वे पाण्डवों की माता कुंती और सूर्य देव की संतान हैं। कर्ण अपना आराध्य देव सूर्य देव को मानते थे।अपने राजा की सूर्य भक्ति से प्रभावित होकर अंग देश के निवासी सूर्य देव की पूजा करने लगे। धीरे-धीरे सूर्य पूजा का विस्तार पूरे बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र तक हो गया। अंग प्रदेश वर्तमान का भागलपुर, बिहार है।

कथा 1

प्रियव्रत जो पहले मनु माने जाते हैं। इनकी कोई संतान नहीं थी। प्रियव्रत ने कश्यप ऋषि से संतान प्राप्ति का उपाय पूछा। महर्षि ने पुत्रेष्ठि यज्ञ करने को कहा। इससे उनकी पत्नी मालिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया, लेकिन यह पुत्र मृत पैदा हुआ। तभी देव लोक से ब्रह्मा की मानस पुत्री प्रकट हुईं जिन्होंने अपने स्पर्श से मरे हुए बालक को जीवित कर दिया। तब महाराज प्रियव्रत ने अनेक प्रकार से देवी की स्तुति की। देवी ने कहा कि आप ऐसी व्यवस्था करें कि पृथ्वी पर सदा हमारी पूजा हो। तब राजा ने अपने राज्य में छठ व्रत की शुरुआत की।

कथा 2

किंदम ऋषि की हत्या का प्रायश्चित करने के लिए जब महाराज पांडु अपनी पत्नी कुंती के साथ वन में दिन गुजार रहे थे। तब उन दिनों पुत्र प्राप्ति की इच्छा से महारानी कुंती ने सरस्वती नदी में सूर्य की पूजा की। इससे कुंती पुत्रवती हुई। इसलिए संतान प्राप्ति के लिए छठ पर्व का बड़ा महत्व है। कुंती की पुत्रवधू और पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने उस समय सूर्य देव की पूजा की थी जब पाण्डव अपना सारा राजपाट गंवाकर वन में भटक रहे थे।

कथा 3

छठ पर्व में सूर्य की पूजा का संबंध भगवान राम से भी माना जाता है। दीपावली से छठे दिन भगवान राम ने सीता के संग अपने कुलदेवता सूर्य की पूजा सरयू नदी में की थी। भगवान राम ने देवी सीता के साथ षष्ठी तिथि का व्रत रखा और सरयू नदी में डूबते सूर्य को फल, मिष्टान एवं अन्य वस्तुओं से अर्घ्य प्रदान किया। सप्तमी तिथि को भगवान राम ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद राजकाज संभालना शुरु किया। इसके बाद से आम जन भी सूर्यषष्ठी का पर्व मनाने लगे।

Tags: #ramayanbeleifsChhath PujaChhath Puja 2024chhath puja kathaIndian Culturemahabharatmythologysun worshiptales
Previous Post

छठ पूजा में महिलाएं क्यों लगाती हैं नाक से मांग तक नारंगी सिंदूर

Next Post

छठ पूजा में न करें ये गलतियां, वरना अधूरा रह जाएगा आपका व्रत

Writer D

Writer D

Related Posts

Devuthani Ekadashi
Main Slider

देवउठनी एकादशी व्रत किस दिन रखा जाएगा? जानें पूजन की विधि

28/10/2025
Hair
फैशन/शैली

घने-लंबे बालों का सपना होगा पूरा, ट्राई करें ये मैजिकल तेल

28/10/2025
glowing skin
फैशन/शैली

चेहरे पर न लगाएं ये चीजें, स्किन हो जाएगी खराब

28/10/2025
Dahi Aloo
खाना-खजाना

खाने को देंगे बेहतरीन जायका, मिनटों में हो जाएंगी तैयार

28/10/2025
Flowers
फैशन/शैली

रंग-बिरंगे फूलों से भर जाएगा आपका गार्डन, इस्तेमाल करें ये टिप्स

28/10/2025
Next Post
Chhath Puja

छठ पूजा में न करें ये गलतियां, वरना अधूरा रह जाएगा आपका व्रत

यह भी पढ़ें

TV star Ravi Dubey corona infected, wife posted emotional

टीवी स्टार रवि दुबे हुए कोरोना संक्रमित, पत्नी ने किया भावुक पोस्ट

11/05/2021

एलजेपी और जेडीयू की कड़वाहट के बीच रामविलास बोले- चिराग पार्टी व बिहार को नयी ऊंचाईयों तक ले जाएगा

11/09/2020
Veeru Nikah

इस ब्यूटी क्वीन को लौटाना पड़ा अपना खिताब, वजह हैरान कर देगी

13/04/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version