देसी गाय का गोबर (Cow Dung) में अनेकों ऐसे गुण छिपे हैं। जिन के बारे में हम जानते ही नहीं हैं। आयुर्वेद में भी इन सब का बहुत महत्व पाया जाता है। और इसके मूत्र को बड़े-बड़े रोगों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका के एक रिसर्च में देसी गाय का गोबर को भी एक महा औषधी सवित किया है। गोबर में कीटाणुओं को दूर करने की बहुत बड़ी शक्ती होती है।
खाज खुजली
गाय के गोबर (Cow Dung) को सुखा कर जला कर भस्म बना लें। गाय के मक्खन को 100 बार पानी से धो लें। इसके बाद इस मक्खन में 25 ग्राम भस्म को मिला कर रख लें। और जब भी खाज खुजली हो इसे लगायें तुरंत लाभ होता है।
एड़ी का दर्द
जब किसी भी कारण से एड़ी में दर्द होने लगे और चलने फिरने में परेशानी हो तो रोज सूर्य उदय से पहले गाय के ताजा गोबर में एड़ी को रख कर 10 मिनिट खड़े रहें अगर सुबह शाम दोनों टाइम करें तो और भी ज्यादा लाभ देता है।( गोबर ताजा और गर्म होना चाहिए) इससे दर्द कुछ ही दिनों में ठीक हो जायेगा।
बर्र, मच्छर, मक्खी, मकड़ी के काटने पर
काटे हुए स्थान पर तुरंत गाय का गोबर मलें और लेप करके बांध दें ऐसा दिन में 2-3 बार करें इससे जहर का असर कम हो कर आराम मिलता है।
मिर्गी में सहायक
सूखे गोबर की राख को पानी में मिला ले और छान ले। छानकर इस पानी को पीने से मिर्गी की बीमारी में लाभ होगा।
पेट के कीड़े
पेट में कीड़े होने की अवस्था में गाय के गोबर की सफेद राख को 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मिला कर इसे कपडे से छान ले| रोगी को तिन दिन तक सुबह शाम यह पानी पिलाने से लाभ होगा।