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मंदी की आहट! इन कंपनियों ने 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाला

fired from jobs

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नई दिल्ली। अच्छे दिनों को अलविदा! लगता है अब कहने का वक्त आ गया है। जब दुनिया ने 2008 के आर्थिक संकट का सामना किया था, तब एक ब्रोकरेज फर्म का RIP Good Times नाम मेमो काफी वायरल हुआ था। इस समय दुनिया के हालात भी फिलहाल ऐसे ही दिख रहे हैं। पहले कोविड, फिर रूस और अमेरिका युद्ध और उससे भी आगे तेजी से बढ़ती महंगाई, ने वैश्विक स्तर पर कई देशों के सामने इससे जुड़े आर्थिक संकट खड़े किए हैं।

ऐसे में कंपनियों (Companies) ने अपना खर्च घटाने के लिए लोगों को नौकरी से निकालना (Fired from jobs) शुरू कर दिया है। इसमें भी स्टार्टअप (Startup companies) कंपनियां सबसे आगे हैं। तेजी से स्टार्टअप हब बन रहे भारत में ऐसी कंपनियां अब तक 10,000 लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। क्या ये आने वाली आर्थिक मंदी (Recession) के संकेत हैं?

स्टार्टअप (Startup) के अच्छे दिनों को अलविदा?

वेंचर कैपिटलिस्ट से दबाकर फंडिंग पाने वाली स्टार्टअप कंपनियों, खासकर टेक स्टार्टअप्स के अच्छे दिन संभवतया खत्म होने लगे हैं। इन्वेस्टर्स का कैश बर्निंग (कमाई से अधिक खर्च) का धैर्य बाजार की मौजूदा हालत के चलते जवाब दे रहा है। तभी तो जनवरी 2022 से अब तक स्टार्टअप कंपनियों में काम करने वाले करीब 8,000 से 10,000 एम्प्लॉइज को पिंक स्लिप मिल चुकी है और आगे और लोगों की छंटनी से इंकार नहीं किया जा सकता।

हाल फिलहाल की वैश्विक घटनाओं को देखें तो लोगों के नौकरी जाने की बात समझ में आएगी। सबसे पहले तो स्टॉक मार्केट का बहुत बुरा हाल है और स्टार्टअप कंपनियों जैसे कि Zomato, Paytm, Nykaa का प्रदर्शन तो और भी बुरा रहा है। ऐसे में इन्वेस्टर्स के बीच इन कंपनियों की साख गिरी है। दूसरी ओर महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कर्ज महंगा हुआ है, ब्याज दरें बढ़ी हैं। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वेंचर कैपिटलिस्ट से होने वाली डील्स में कमी आई है। घरेलू और वैश्विक स्तर पर पूंजी जुटाना मुश्किल हो गया है। इससे स्टार्टअप कंपनियों की हालत खराब है, वहीं उन पर इन्वेस्टर्स की ओर से बेहतर काम करने का दबाव भी है।

इन कंपनियों ने की हजारों की छंटनी

छंटनी करने वाली स्टार्टअप कंपनियों की लिस्ट बहुत बड़ी है। फरवरी में Lido Learning ने 1200 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद तो जैसे इसकी लाइन ही लग गई। Unacademey ने अप्रैल में 925,Vedantu ने अप्रैल में करीब 600 और FrontRow ने 145 लोगों को नौकरी से निकाल दिया।

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वहीं Meesho, OKCredit, Cars24, MFine और MPL जैसी कंपनियों ने भी सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाला है। ये संख्या कुल मिलाकर 8 से 10 हजार तक जाती है।

इंटरनेशनल लेवल पर भी हालात अच्छे नहीं है। नौकरी से निकाले जाने की घटना सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिली। पॉपुलर OTT प्लेटफॉर्म Netflix ने भी करीब 150 कर्मचारियों और दर्जनों कॉन्ट्रैक्टर्स की छंटनी कर दी थी।

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