हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) या 16 श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता के अनुसार ये 16 दिन ऐसे होते हैं, जिनमें किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस दौरान दान-पुण्य का, ब्राह्मण भोज का अत्यंत महत्व है. पितृ पक्ष में हमारे दिवंगत जनों के निमित्त ब्राह्मणों को भोज कराया जाता है, उनकी पसंद का सामान खरीद कर जरूरतमंद को दान करने का विधान है. भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा हमें बता रहे हैं कि इस बात का पता कैसे लगाएं कि हमारे द्वारा किए गए श्राद्ध से हमारे पित्र (Ancestors) तृप्त हो गए हैं.
पहला संकेत
पितरों (Ancestors) के निमित्त किए गए श्राद्ध को पितरों ने स्वीकार कर लिया है और वे तृप्त हो गए हैं. इस बात का पहला संकेत है कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है. वहीं यदि पितृ आपसे नाराज हैं तो आपकी जिंदगी से सुख-चैन छिन जाता है, आपके जीवन में कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं.
दूसरा संकेत
पितरों (Ancestors) के प्रसन्न होने का दूसरा संकेत है आकस्मिक धन की प्राप्ति होना, लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होना.
तीसरा संकेत
पितरों (Ancestors) के प्रसन्न होने का तीसरा संकेत आपके घर की छत पर कौआ का अपनी चोंच में तिनका लाना माना जाता है. संकेत का अर्थ है आपको जल्द ही धन लाभ होने वाला है.
चौथा संकेत
पितरों (Ancestors) के प्रसन्न होने का चौथा संकेत है- यदि कौआ आपके द्वारा दिए गए भोजन को ग्रहण कर लेता है, तो माना जाता है कि आपके पितृ प्रसन्न हो गए हैं. इसके अलावा गाय और कौआ भी एक साथ नजर आते हैं तो माना जाता है कि आपके पितृ खुश हो गए हैं.
पांचवा संकेत
पितरों (Ancestors) के प्रसन्न होने का पांचवा संकेत माना जाता है कि आपके सपने में आपके पूर्वजों का हंसते और खुशहाल अवस्था में दिखाई देना. इससे आपके घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और आपके जीवन में शांति आती है.