उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व पर भरोसा करते हुए किसान क्रांति मंच संगठन ने समाजवादी पार्टी में विलय कर लिया है।
किसान क्रांति मंच संगठन के अध्यक्ष ओंकार सिंह लोधी समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में विलय की घोषणा कर अपने संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों सहित समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। अखिलेश यादव ने कहा कि अब जीत तो तय है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोहम्मद निसार खान को पार्टी का प्रदेश सचिव नामित किया गया है। समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी द्वारा समाजवादी लोहिया वाहिनी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में डॉ0 राजवर्धन जाटव अमरोहा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मोहम्मद हम्माद नबी बरेली को राष्ट्रीय प्रवक्ता, नदीम जफर बिजनौर, हरिकेश चौरसिया संतकबीर नगर, केशव प्रताप यादव ठाणे महाराष्ट्र, कल्लू यादव ‘सुधीर‘ औरैया तथा शिव शंकर लोधी औरैया को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। अनिल बाल्मीकि ,रामबाबू सोनकर राष्ट्रीय सदस्य तथा सचिन दीक्षित को विशेष आमंत्रित सदस्य नामित किया गया है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि कानून वापसी को चुनावी दांव बताते हुए कहा है कि इनका दिल साफ नहीं है। चुनाव बाद यह लोग फिर कृषि बिल लेकर आएंगे। केंद्र सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। माफी मांगने वालों को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए। जनता अब इन्हें माफ करने के बजाए आने वाले वक्त में इन्हें साफ करने का काम करेगी। वोट के लिए कानून वापस ले लिए गए हैं क्योंकि सरकार चुनावों से डरती है।
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अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इन कानूनों की वापसी अहंकार की हार और किसानों की जीत है। जिस मंत्री ने लखीमपुर में किसानों को कुचला उसको भी बर्खास्त किया जाए। अखिलेश यादव ने कहा कि सैकड़ों किसानों की सच्ची मौत के सामने किसी की झूठ की माफी नहीं चलेगी। यह लोग सोच रहे हैं कि दिखावटी माफी मांग कर फिर से आएंगे। सपा मुखिया ने कहा कि अगर इनकी नीयत साफ होती तो पहले ऐसा फैसला कर लेते।
इससे पहले अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।