उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि आक्सीजन और दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका ) के तहत कार्रवाई की जायेगी ।
उन्होंने कहा कि आक्सीजन तथा जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी अत्यन्त गम्भीर अपराध है। इसलिए इसमें संलिप्त तत्वों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए। लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे तत्वों के विरुद्ध एनएसए सहित गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। इनकी सम्पत्ति को जब्त करने के लिए कानूनी कदम भी उठाये जाएं।
एक-एक व्यक्ति की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता है इसलिए कोविड-19 के उपचार के उपायों को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए।
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सभी कोरोना मरीजों को आक्सीजन सहित आवश्यक दवाओं की सुचारु उपलब्धता के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मेडिकल किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संक्रमण से अधिक प्रभावित लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, मेरठ सहित प्रदेश के सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या को दोगुना करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अनेक एम0एस0एम0ई0 इकाइयों सहित बड़ी औद्योगिक इकाइयां अपने उत्पादों के निर्माण के लिए आक्सीजन तैयार करती हैं। वर्तमान समय की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि इन इकाइयों में उत्पादित होने वाली आक्सीजन का इस्तेमाल केवल मेडिकल कार्य के लिए हो। उन्होंने एमएसएमई विभाग तथा औद्योगिक विकास विभाग को टीम गठित कर इस कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन इकाइयों के समीप स्थित अस्पतालों को मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 100 बेड अथवा उससे अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में स्वयं का आक्सीजन प्लाण्ट स्थापित करने की दिशा में कार्यवाही की जाए। यह व्यवस्था लागू हो जाने पर अस्पतालों की लिक्विड आक्सीजन पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में स्थापित होने वाले निजी मेडिकल काॅलेज के लिए भी यह व्यवस्था लागू करायी जाए।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कण्ट्रोल रूम निरन्तर कार्यशील रहे। उन्होंने जनपदों से सम्पर्क बनाकर आक्सीजन, रेमडेसिविर एवं अन्य जीवनरक्षक औषधियों के सुचारु एवं पारदर्शितापूर्ण वितरण पर बल दिया।