बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में मूकबधिर बच्ची के साथ हुए दुराचार की घटना को छिपाने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित (Suspended) कर दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मोटी रकम लेकर दुराचार की घटना को छेड़छाड़ में दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया था। शिकायत पर एसएसपी बरेली अखिलेश कुमार चौरासिया जांच कराई। शिकायत सही पाए जाने पर एसएसपी ने पूर्व में इंस्पेक्टर रहे रामअवतार सिंह, नरेश पाल और एक एसआई सस्पेंड कर दिया है।
उन्होने बताया कि पिछली 25 नवंबर को शीशगढ़ थाना क्षेत्र के बंजरिया गांव की रहने वाली एक नाबालिग बच्ची से चन्द्रपाल (24) ने दुराचार किया था। शिकायत पर पुलिस पहले टाल- मटोल करती रही। बाद में पुलिस ने आरोपी पक्ष से साठगांठ कर रूपए लेकर दुराचार की घटना 28 नवंबर को छेड़छाड़ की कोशिश में दर्ज कर लिया था।आरोप है कि घटना को छिपाने के लिए पुलिस ने पीड़िता के चौकी में कपड़े बदलवा कर उन्हें भी गायब कर दिया।
पुलिस अधीक्षक देहात बरेली राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मामले की शिकायत पर एसएसपी ने इसकी जांच कराई। जांच में पाया गया कि शीशगढ़ थाना में तैनात रहे इंस्पेक्टर रामअवतार सिंह मौजूदा तैनाती क्राइम ब्रांच इंवेस्टिगेशन विंग, शीशगढ़ थाना इंस्पेक्टर क्राइम नरेशपाल और बंजरिया चौकी पर सेकंड अफसर एसआई द्वारा दुराचार की घटना द्वारा छेड़छाड़ में बदलने की बात सच पाई गई। तीनों सस्पेंड कर दिये हैं ।
श्री अग्रवाल ने बताया कि उक्त मामले में दुराचार की धाराओं को बढ़ा दिया गया है। आरोपी को जल्द ही रिमांड पर लिया जायेगा।