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अलग अलग मामलों में एक उपनिरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित

Suspended

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मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद मंडल के बिजनौर जिले में अलग-अलग मामलों में एक उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मियों को एसपी ने आज़ निलंबित (Suspended) कर दिया जबकि एक हेड कांस्टेबल व आरक्षी को गिरफ्तार किया गया । नूरपुर थाना इंचार्ज की भूमिका की जांच जारी है।

मुरादाबाद परिक्षेत्र मुरादाबाद डीआईजी कार्यालय प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि 29 सितंबर को बिजनौर जिले के थाना नूरपुर में तैनात हेड कांस्टेबल पुरुषोत्तम व आरक्षी अनुज कुमार द्वारा एक मामले में अभियुक्त को थाने से छोड़ने की एवज मे पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी। आरोप है कि तीन हजार रुपए लेकर अभियुक्त को थाने से छोड दिया गया था। इस संबंध में अभियुक्त के परिजनों द्वारा बिजनौर पुलिस अधीक्षक को उनके सीयूजी नंबर पर सारे घटनाक्रम की जानकारी दे दी गई थी।

पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिसकर्मियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच कराए जाने पर आरोप सही पाए गए। तीन अक्टूबर को इस संबंध में पीड़ित परिजनों की ओर से एक तहरीर थाना नूरपुर पर दी गई। थाना पुलिस द्वारा तहरीर के आधार पर नूरपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल पुरुषोत्तम तथा आरक्षी अनुज कुमार के खिलाफ 396/23 धारा 7/13 भृष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मुख्य आरक्षी पुरुषोत्तम निवासी ग्राम सिरौरौ थाना गुन्नौर जिला संभल तथा आरक्षी अनुज कुमार निवासी ग्राम छपरौला थाना बादलपुर जिला गौतमबुद्ध नगर को पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन द्वारा निलंबित (Suspended) कर दिया गया। वहीं दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को थाना नूरपुर पुलिस द्वारा आज़ गिरफ्तार कर लिया गया ।

अभियोग की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी चांदपुर (बिजनौर) को सौंप दी गई है। प्रकरण में थाना प्रभारी की भूमिका की जांच जारी है।

वहीं दूसरी ओर जनपद बिजनौर के थाना किरतपुर में तैनात उपनिरीक्षक संजय सिंह को महिला संबंधी एक मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस अधीक्षक बिजनौर द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी बिजनौर करेंगे। सात दिन में जांच आख्या प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया गया है कि पुलिस अधीक्षक बिजनौर द्वारा जनपद के समस्त पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को पहले से ही महिला संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई किए जाने को उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकता बताते हुए कर्त्तव्यों और दायित्वों के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

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