लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सरकारी खजाने को हानि पहुंचाने के आरोप में दोषी तत्कालीन कमांडर वर्क्स इंजीनियर, सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के सैन्य दुर्ग इंजीनियरों समेत आठ लोगों को तीन वर्ष के कारावास (Imprisonment) की सजा सुनायी है।
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने सत्यपाल शर्मा (लेफ्टिनेंट कर्नल), तत्कालीन कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई), एमईएस, इलाहाबाद/(कर्नल प्रशासन, कमांड स्टेशन, श्रीनगर), वाई.के. उप्पल, तत्कालीन सैन्य दुर्ग इंजीनियर (पश्चिम), इलाहाबाद, के.एस. सैनी (लेफ्टिनेंट कर्नल), तत्कालीन सैन्य दुर्ग इंजीनियर (पश्चिम), इलाहाबाद, वीरेंद्र कुमार जैन, तत्कालीन सैन्य दुर्ग इंजीनियर (पूर्व), इलाहाबाद, एस.एस. ठक्कर (मेजर), तत्कालीन सैन्य दुर्ग इंजीनियर (वायु सेना), बमरौली, इलाहाबाद एवं विभिन्न काल्पनिक फर्मों के मालिक/साझीदार अशोक कुमार देवड़ा, अनिल कुमार देवड़ा, पवन कुमार देवड़ा को दोषी ठहराया और उन्हें तीन वर्ष की कारावास की सजा सुनाई।
सीबीआई ने नवंबर-1983 से नवंबर-1985 की अवधि के दौरान निर्धारित दिशानिर्देशों के उल्लंघन में अत्यधिक दरों पर करीब 3.82 करोड़ रुपये की बड़े पैमाने पर स्थानीय खरीद के आरोप पर लेफ्टिनेंट कर्नल एस.पी. शर्मा, तत्कालीन कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई), सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस), इलाहाबाद एवं सीडब्ल्यूई, इलाहाबाद के तहत काम करने वाले अन्य कर्मियों और विभिन्न काल्पनिक निजी फर्मों के मालिकों/साझीदारों के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया था।
जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया था। विचारण अदालत ने उक्त आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हें दोषी ठहराया।