नई दिल्ली। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी को 100 प्रभाशाली लोगों की सूची में शामिल किया है। इस सूची अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग जैसे शक्तिशाली नेताओं को शामिल किया गया है। हालांकि, टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी के खिलाफ तल्ख कई टिप्पणियां की हैं।
टाइम मैगजीन में फिर पीएम मोदी का जलवा, 100 प्रभावशाली लोगों की सूची जारी
टाइम मैगजीन के संपादक कार्ल विक ने पीएम मोदी को मुसलमानों के खिलाफ बताया है। यहां तक कहा है कि भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्री 80 फीसदी आबादी वाले हिंदू समुदाय से ही रहे हैं। इसमें आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार ने भारत में बहुलतावाद को खत्म कर दिया है।
टाइम मैगजीन में पीएम मोदी को लेकर लिखा है कि वास्तव में लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अहम नहीं है। इससे केवल यह पता चलता है कि किसे सबसे अधिक वोट मिला? ज्यादा अहम उनका अधिकार है जिन्होंने विजेता को वोट नहीं दिया। सात दशकों से अधिक समय से भारत दुनिया का सबसे विशाल लोकतंत्र है। इसकी 130 करोड़ की आबादी में ईसाई, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन और दूसरे धर्मों के लोग शामिल हैं। भारत में सभी मिलजुलकर रहते हैं, जिसकी तारीफ दलाई लामा ने सद्भाव और स्थिरता के उदाहरण के रूप में की थी।
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इसमें आगे कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने इन सभी को संदेह में ला दिया है। यद्यपि भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्री 80 फीसदी आबादी वाले हिंदू समुदाय से आए, केवल मोदी सरकार ने इस तरह शासन किया कि बाकियों की परवाह नहीं। पहले सशक्तीकरण के लोकप्रिय वादे के साथ चुनकर आए, उनके हिंदू-राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने नाक न केवल उत्कृष्टता बल्कि बहुलतावाद को भी खारिज कर दिया। विशेषतौर पर भारत के मुसलमानों को टारगेट किया गया। महामारी का संकट अहसमति का गला घोंटने का बहाना बन गया। दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र गहरे अंधेरे में गिर गया है।
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बता दें कि इससे पहले मई 2019 में टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी को कवर पेज पर रखते हुए ‘भारत का डिवाइडर इन चीफ’ बता दिया था। चुनाव से ठीक पहले मोदी पर लिखे इस लेख को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसे भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तानी नेता व कारोबारी सलमान तासीर के बेटे आतिश तासीर ने लिखा था।
हालांकि, इसी पत्रिका ने एक लेख में यह भी कहा था कि पीएम मोदी ने जिस तरह भारत को एकजुट किया है उतना किसी और प्रधानमंत्री ने नहीं किया। उस लेख का शीर्षक था, ”मोदी हैज यूनाइडेट इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डेकेड्स। इस आर्टिकल को मनोज लडवा ने लिखा था।