उत्तर प्रदेश मे बस्ती जिले के वरिष्ठ डाक्टर रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा है कि जाड़े से बचने के लिए टायर और प्लास्टिक के अलाव का इस्तेमाल सेहत के लिये बहुत ही हानिकारक है।
इससे शरीर मे विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते है और वायुमण्डल भी बुरी तरह से प्रदूषित हो जाता है।
शुक्रवार को श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अभी जाड़ा अपने चरम पर है। अलाव, बचाव का सुलभ और सस्ता रास्ता है पर कुछ लोग टायर और प्लास्टिक जला कर अलाव का उपयोग कर रहे है लेकिन यह अलाव लोगों की जीवन में जहर घोल रहा है।
मात्र दो हजार रुपए के विवाद में ईंट से कूचकर की थी दोस्त की हत्या, गिरफ्तार
अलाव से तुरंत भले ही राहत मिल जाती हो पर ये सांसों में जहरीली गैस घोल रहे हैं और शरीर मे विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होने लगती है। अलाव में प्लास्टिक, पन्नी टायर और थर्माकोल जलने से लोग बीमार हो रहे हैं ।
टायर और प्लास्टिक जलाने से कार्बन मोनाआक्साइड, टॉक्सिक रसायन सहित कार्बन कण, बेंजीन, पारा, वैनेडियम, जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। जिनसे पर्यावरण के नुकसान के अलावा इसका धुंआ फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियां उत्पन्न करता है । इसके अलावा कैंसर, मानसिक रोग, श्वास संबंधी व्याधियां घर कर जाती हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दिया बड़ा झटका, शाओमी को अमेरिका में किया बैन
सरकार द्वारा पर्यावरण को दूषित होने से बचाव के लिए निरन्तर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है लेकिन इसका सदउपयोग बहुत की कम लोग करते है।