मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया (एमपीएलबीआई) द्वारा 6 सितंबर से जयपुर से प्रारम्भ हुए 12 द्विवसीय राष्ट्रव्यापी धार्मिक सौहार्द के लिये सम्पर्क, समन्वय, संवाद अभियान का पहला चरण बुधवार को लखनऊ में सभी धर्मों के बीच संवाद के कार्यक्रम लगातार चलाये रखने के संकल्प के साथ पूरा हो गया। देश भर में 12 दिन तक चले अभियान में इंसान से इंसान के बीच सम्पर्क अभियान को अब हर घर तक पहुंचाने की रणनीति पर आगे काम करने का निर्णय लिया गया।
सौहार्द व एकीकरण के लिये अतिवाद के विरुद्ध सूफीवादी ऋषि मुनि परम्परा व विचार देश के लिये महत्वपूर्ण
कैम्पवेल रोड पर आयोजित कार्यक्रम में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि धर्मो के मध्य सम्पर्क, समन्वय व संवाद के साथ सौहार्द व एकीकरण के लिये अतिवाद के विरुद्ध सूफीवादी, ऋषि मुनि परम्परा व विचार को मजबूत शस्त्र के रूप में उपयोग करने पर जोर देते हुए बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मुईन अहमद खान ने कहा कि देश की ऋषि, मुनि, सूफी परम्परा के रास्ते पर चलकर अतिवादी समूह को परास्त करना, सभी धर्मों का सम्मान करना, इस्लाम मे शरीयत के साथ पैगम्बरे इस्लाम के मानवीय दृष्टिकोण पर आधारित तरीकत पर चलने के लिये वातावरण निर्मित करना बोर्ड का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लगातार हो रही मानव हत्याओं के लिये पाकिस्तान समर्थक अतिवादी समूह को जवाब देने की जरूरत है। कश्मीर में भारतीयों की हो रही हत्याओं को रोकने व शांति स्थापित करने के लिये केंद्र सरकार कड़े कदम उठाकर पाकिस्तानी सेना व वहां की सरकार को जवाब देने के साथ कश्मीर की सूफी परम्परा को पुनः स्थापित करने की दिशा में सार्थक प्रयास करे।
डॉ मुईन ने कहा कि बंग्लादेश में जिस तरह धर्म की आड़ में नवरात्रि में हिन्दू भाईयों पर हमले हुए व मंदिरों, घरों में आग लगायी गयी, उसकी इस्लाम इजाजत नहीं देता। इस मामले में भारत सरकार को बंग्लादेश सरकार को सख्त कदम उठाने के लिये कड़ा संदेश देना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसी तरह इस्लाम के अनुयायियों पर लगातार अतिवाद के नाम पर तीखी राजनीति हो या नफरत के लिये हिन्दू भाईयों को गुमराह करने की रणनीति इससे देश का भला नहीं होने वाला, वोट की राजनीति के लिये धर्म को धर्म, जाति को जाति से लड़ाने की प्रवृत्ति एकता व विकास को बाधित करता है। देश मे शांति व सौहार्द के लिये बोर्ड ने संकल्प किया है कि उस रास्ते पर चलकर बोर्ड अपना संकल्प पूरा करेगा।
अनेकता में एकता की पहचान को खत्म नही होने देंगे
इस अवसर पर ब्राह्मण सभा के बिंदुसार पांडेय ने कहा कि एक नागरिक व संगठन के रूप में हम देश के प्रति अपने दायित्व के निर्वहन की दिशा में भाईचारा बनाने के लिए चले है। बोर्ड की सराहनीय पहल को पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की पहचान को खत्म करने का मंसूबा पाले बैठे समूह को कामयाब नही होने देना है। इसके लिये हम सबको एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए देश की माटी का कर्ज अदा करना है।
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बौद्ध विद्वान राम प्रसाद बौद्ध ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों को देश की शानदार विरासत उनके कर्तव्यबोध के साथ हवाले करनी है। इसके लिये हम सम्पर्क, समन्वय व संवाद के इस अभियान को घर घर तक ले जाने का संकल्प हमारे देश के अभिमान के साथ सभी धर्मों के स्वाभिमान की रक्षा करने में सफल रहेगा। सिख धर्म के सरदार जोगेंद्र सिंह ने कहा की मानवता की सेवा व राष्ट्र की एकता के प्रयास को सलाम करते हुए वादा करते है कि नफरत की दीवारों को गिराकर बड़े हृदय के साथ भाईचारे के अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
हर मुसलमान को गद्दार कहना देश को धोखा देने के समान
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सनातन धर्म के विचारक समाजसेवी उमेश शुक्ल ने कहा की हर मुसलमान को गद्दार कहना देश को धोखा देना है। देश के गद्दार किसी भी धार्मिक समूह में हो सकते है। धर्म के नाम पर किसी व्यक्ति या समूह को बदनाम करने वाले विभाजनकारी समूहों को करारा जवाब देने की जरूरत है। हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि हमारी वसुधैव कुटुम्बकम के ध्येय वाक्य के प्रतीक है। भारत जैसा राष्ट्र विश्व मे दूसरा नहीं है। उन्होंने कहा कि एमपीएलबीआई के मानवता व राष्ट्र को समर्पित अभियान को हरसंभव सहयोग करेंगे।
राजनीति में वोट के लुटेरे करते है धर्म का दुरुपयोग
एमपीएलबीआई के कार्यक्रम की अध्यक्षता योगेंद्र नाथ त्रिपाठी व संचालन बोर्ड के प्रदेश प्रवक्ता मौलाना इस्तियाक कादरी ने की व प्रमुख रूप से विकास मिश्र, सत्यम दुबे, करन पंडित, योगेंद्र नाथ त्रिपाठी, भरत सिंह, सरदार मनजीत सिंह मदान, मौलाना मुशर्रफ, हाफिज नूर आलम, मौलाना इस्तियाक कादरी, मौलाना नसीम, संजय खान, मोहम्मद ताज, जमील खान