अपरा एकादशी आज यानी कि 6 जून रविवार को है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत की काफी महिमा है. एकादशी व्रत की तैयारियां एक रात पहले ही शुरू हो जाती हैं.
अपरा एकादशी के लिए भक्त आज रात से ही खानपान में संयम बरतेंगे और कल भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के संकल्प के साथ अपरा एकादशी व्रत की शुरुआत करेंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत करने वाले जातकों के जीवन में पापों और कष्टों का नाश होता है. ऐसे जातक जातक सुखों को भोगते हुए ईश्वर को प्राप्त होता है. अपरा एकादशी को अचला एकादशी भी कहा जाता है.
मान्यताओं के अनुसार, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अपरा एकादशी व्रत की महिमा का बखान किया था. श्रीकृष्ण ने धर्मराज को बताया था कि अपरा एकादशी व्रत करने वाले जातक संसार में प्रसिद्ध होते हैं और उनके पास अथाह धन-वैभव होता है. अपरा एकादशी की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए.
अपरा एकादशी पूजा सामग्री की लिस्ट:
हवनकुंड, तरह-तरह के फूल, फूलों की माला, नारियल, भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत (बिना पके चावल) ,तुलसी दल, चंदन, रोली, कलावा और मिष्ठान.
अपरा एकादशी शुभ मुहूर्त:
अपरा एकादशी तिथि प्रारंभ- 05 जून 2021 को शाम 04 बजकर 07 मिनट से
अपरा एकादशी तिथि का समापन- जून 06, 2021 को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर.
अपरा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त- 07 जून 2021 को सुबह 05 बजकर 12 से सुबह 07:59 तक
अपरा एकादशी पूजा विधि:
अपरा एकादशी व्रत की तैयारी एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन से ही करनी शुरू कर दें. इसके लिए दशमी को रात में खाना खाने के बाद अच्छे से दातून से दांतों को साफ़ कर लें ताकि मुंह जूठा न रहे. इसके बाद आहार ग्रहण न करें और खुद पर संयम रखें. साथी के साथ शारीरिक संबंध से परहेज करें. एकादशी के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म करने के बाद. नए कपड़े पहनकर पूजाघर में जाएं और भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प मन ही मन दोहरायें. इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें और पंडित जी से व्रत की कथा सुनें. ऐसा करने से आपके समस्त रोग, दोष और पापों का नाश होगा. इस दिन मन की सात्विकता का ख़ास ख्याल रखें.
अपरा एकादशी का महत्व:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन व्रत करने वाले जातकों को बहुत अधिक पुण्यफल की प्राप्ति होती है. अपरा एकादशी का मतलब है अपार पुण्य. यह भी मान्यता है कि जो जातक इस एकीदाशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है उसे अपार पुण्य मिलता है और उस मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में याद, धन, वैभव और निरोगी काया प्राप्त होती है.