• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आज है जितिया व्रत, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Writer D by Writer D
18/09/2022
in धर्म, फैशन/शैली
0
Jivitputrika

Jivitputrika

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है. महिलाएं इस दिन संतान की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरा दिन निर्जल व्रत रखती हैं. इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) 18 सितंबर 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा. इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है क्योंकि इसे तीन दिन तक रखा जाता है. यह व्रत कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक रखा जाता है. इस व्रत के पहले दिन नहाए -खाय होता है, दूसरे दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती है और तीसरे दिन पारण किया जाता है.  आइए जानते हैं जीवित्पुत्रिका व्रत  शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शुभ योग.

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त (Jivitputrika Vrat)

जीवित्पुत्रिका रविवार, सितम्बर 18, 2022 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 17, 2022 को शाम 02 बजकर 14 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 18, 2022 को शाम  04 बजकर 32 मिनट तक

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ योग (Jivitputrika Vrat)

अभिजित मुहूर्त- शाम 12 बजकर 08 मिनट से शाम 12 बजकर 57 मिनट तक

विजय मुहूर्त-    शाम 02बजकर 34 मिनट से शाम  03 बजकर 23 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 50 मिनट तक

जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजन विधि (Jivitputrika Vrat Pujan Vidhi)

जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. उसके बाद पूजा करें. इसके बाद महिलाएं भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरे दिन वो कुछ भी नहीं खाती. दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद महिलाएं पहले पूजा पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत का पारण छठ व्रत की तरह तीसरे दिन किया जाता है. पारण से पहले महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं, जिसके बाद ही वह कुछ खाना खा सकती हैं. इस व्रत के तीसरे दिन झोर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है. अष्टमी के दिन प्रदोष काल में महिलाएं जीमूत वाहन की पूजा करती हैं. पूजा के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है.

जीवित्पुत्रिका व्रत सावधानियां (Jivitputrika Vrat Niyam)

जीवित्पुत्रिका व्रत रखने वाली महिलाओं को एक दिन पहले से ही तामसिक भोजन करना चाहिए. इस दौरान प्याज, लहसुन और मांस का सेवन ना करें. व्रत के दौरान एक घूंट पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है. अइस दिन छल-कपट, क्रोध से दूर रहें.

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा (Jivitputrika Vrat katha)

नर्मदा नदी के पास कंचनबटी नाम का नगर था. वहां का राजा मलयकेतु था. नर्मदा नदी के पश्चिम दिशा में मरुभूमि थी, जिसे बालुहटा कहा जाता था. वहां विशाल पाकड़ का पेड़ था. उस पर चील रहती थी. पेड़ के नीचे खोधर था, जिसमें सियारिन रहती थी. चील और सियारिन, दोनों में दोस्‍ती थी. एक बार दोनों ने मिलकर जितिया व्रत करने का संकल्प लिया. फिर दोनों ने भगवान जीऊतवाहन की पूजा के लिए निर्जला व्रत रखा. व्रत वाले दिन उस नगर के बड़े व्यापारी की मृत्यु हो गयी. अब उसका दाह संस्कार उसी मरुस्थल पर किया गया.

काली रात हुई और घनघोर घटा बरसने लगी. कभी बिजली कड़कती तो कभी बादल गरजते. तूफ़ान आ गया था. सियारिन को अब भूख लगने लगी थी. मुर्दा देखकर वह खुद को रोक न सकी और उसका व्रत टूट गया. पर चील ने संयम रखा और नियम व श्रद्धा से अगले दिन व्रत का पारण किया

फिर अगले जन्म में दोनों सहेलियों ने ब्राह्मण परिवार में पुत्री के रूप में जन्म लिया. उनके पिता का नाम भास्कर था. चील, बड़ी बहन बनी और उसका नाम शीलवती रखा गया. शीलवती की शादी बुद्धिसेन के साथ हुई. सिया‍रन, छोटी बहन के रूप में जन्‍मी और उसका नाम कपुरावती रखा गया. उसकी शादी उस नगर के राजा मलायकेतु से हुई. अब कपुरावती कंचनबटी नगर की रानी बन गई. भगवान जीऊतवाहन के आशीर्वाद से शीलवती के सात बेटे हुए . पर कपुरावती के सभी बच्चे जन्म लेते ही मर जाते थे.

कुछ समय बाद शीलवती के सातों पुत्र बड़े हो गए. वे सभी राजा के दरबार में काम करने लगे. कपुरावती के मन में उन्‍हें देख इर्ष्या की भावना आ गयी. उसने राजा से कहकर सभी बेटों के सर काट दिए. उन्‍हें सात नए बर्तन मंगवाकर उसमें रख दिया और लाल कपड़े से ढककर शीलवती के पास भिजवा दिया.

यह देख भगवान जीऊतवाहन ने मिट्टी से सातों भाइयों के सर बनाए और सभी के सिर को उसके धड़ से जोड़कर उन पर अमृत छिड़क दिया. इससे उनमें जान आ गई. सातों युवक जिंदा हो गए और घर लौट आए. जो कटे सर रानी ने भेजे थे वे फल बन गए. दूसरी ओर रानी कपुरावती, बुद्धिसेन के घर से सूचना पाने को व्याकुल थी. जब काफी देर सूचना नहीं आई तो कपुरावती स्वयं बड़ी बहन के घर गयी. वहां सबको जिंदा देखकर वह सन्न रह गयी.

जब उसे होश आया तो बहन को उसने सारी बात बताई. अब उसे अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था. भगवान जीऊतवाहन की कृपा से शीलवती को पूर्व जन्म की बातें याद आ गईं. वह कपुरावती को लेकर उसी पाकड़ के पेड़ के पास गयी और उसे सारी बातें बताईं. कपुरावती बेहोश हो गई और मर गई. जब राजा को इसकी खबर मिली तो उन्‍होंने उसी जगह पर जाकर पाकड़ के पेड़ के नीचे कपुरावती का दाह-संस्कार कर दिया.

Tags: Jivitputrika Vrat 2022Jivitputrika Vrat importancejivitputrika vrat kathaJivitputrika Vrat puja
Previous Post

शिक्षक ने शादी का झांसा देकर छात्रा से  दुष्कर्म

Next Post

श्राद्धपक्ष में दान करें ये चमत्कारी चीजें, चमक उठेगी तकदीर

Writer D

Writer D

Related Posts

Jewelery
फैशन/शैली

दुल्हन के मेकअप से पहलें इन बातों पर दें ध्यान

10/06/2025
Threading
फैशन/शैली

थ्रेडिंग के बाद निकल आते हैं दाने, इन टिप्स से मिलेगा छुटकारा

10/06/2025
hands
फैशन/शैली

हाथों का कालापन करता है शर्मिंदा, इन उपायों से दूर करें समस्या

09/06/2025
Sattu Sharbat
खाना-खजाना

तेज गर्मी में देगा ये शरबत देगा ठंडक, ऐसे बनाएं

09/06/2025
Coffee Ice Cream
Main Slider

इस डिश से गर्मियों को बनाएं Cool-Cool, नोट करें टेस्टी रेसिपी

09/06/2025
Next Post
pitru paksha

श्राद्धपक्ष में दान करें ये चमत्कारी चीजें, चमक उठेगी तकदीर

यह भी पढ़ें

Deepotsav

इस बार और भी भव्य होगा दीपोत्सव, 25 लाख से ज्यादा दीयों से जगमग होगी अयोध्या

20/08/2024
Famous writer Chetan Bhagat said that India's medical department needs change

मशहूर लेखक चेतन भगत बोले भारत को चिकत्सा विभाग में बदलाव की जरुरत

23/05/2021
deepak kochar

दीपक कोचर को 19 सितंबर तक ED की हिरासत में भेजा गया

08/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version