धर्म डेस्क। प्रति वर्ष आश्विन माह में महा लक्ष्मी व्रत किया जाता है और इस बार 10 सितंबर को यह व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उसे कभी भी धन धान्य और सुख समृद्धि की कमी नहीं होती है। लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। क्योंकि लक्ष्मी माता की पूजा में किसी प्रकार की भूल चूक के कारण माता रानी आपसे रुष्ट भी हो सकती हैं।
महालक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी के रूप श्रीधन लक्ष्मी, श्रीगज लक्ष्मी, श्रीवीर लक्ष्मी, श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी मां, श्री विजय लक्ष्मी मां, श्री आदि लक्ष्मी मां, श्री धान्य लक्ष्मी मां और श्री संतान लक्ष्मी मां की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने-चांदी के सिक्के और फल फूल रखें।
मां लक्ष्मी पूजन में पानी से भरे कलश को पान के पत्तों से सजाकर मंदिर में रखना चाहिए और उसके ऊपर नारियल रखें।
कलश के पास हल्दी से कमल बनाएं और उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें। बाजार से मिट्टी का हाथी लाना न भूलें। साथ ही इसे सोने के आभूषणों से भी सजाएं। अगर आप हाथी पर नया सोना खरीदकर रखेंगे तो इसका विशेष लाभ मिलता है।
श्रीयंत्र के बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र को रखकर कमल के फूल से उसकी भी पूजा करें। श्रीयंत्र या महालक्ष्मी यंत्र को मां लक्ष्मी के सामने स्थापित करें और इसकी पूजा करें। यह चमत्कारी यंत्र धन वृद्धि के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
फल और मिठाई अर्पित करने के अलावा सोने-चांदी भी चढ़ाएं और इसके बाद मां लक्ष्मी के 8 रूपों की मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें।