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आज है शनि अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

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Shani Dev

हिंदू धर्म में शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का विशेष महत्व होता है। शनिवार के दिन अमावस्या होने पर शनि या शनिचरी अमावस्या का योग बनता है। इस दिन शनिदेव व हनुमान जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस साल शनि अमावस्या (Shani Amavasya) 30 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है। इस दिन आंशिक सूर्यग्रहण भी लगेगा। जिसके कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) शुभ मुहूर्त-

वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल 2022, शनिवार को है। वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 30 अप्रैल को शाम को शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाएगी।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) का महत्व-

शास्त्रों में अमावस्या तिथि को पितरों को समर्पित माना गया है। अमावस्या तिथि को पितरों से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ, स्नान, दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है।

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शनिदेव (Shani Dev) को ऐसे करें प्रसन्न-

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन शनिदेव की बजरंगबली की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव व बजरंगबली की भक्तों पर कृपा बनी रहती है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

शनि अमावस्या  (Shani Amavasya) के दिन सातमुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से धोकर धारण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन दान करने से तरक्की मिलने की मान्यता है।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन-संपदा की प्राप्ति होती है।

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