सावन (Sawan) का महीना भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन इस महीने में आने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी (Mangala Gauri) व्रत का भी विशेष महत्व है। इस दिन माता पार्वती की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इस साल सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत कल है और इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का भी विशेष विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगला गौरी (Mangala Gauri) व्रत के दिन हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मौजूद मंगल दोष शांत होता है। इसके साथ ही यह व्रत उन लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक है, जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है या फिर किसी कारणवश अशुभ फल दे रहा है।
मंगल दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को एक गंभीर दोष माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव, चौथे भाव, सातवें भाव, आठवें भाव या बारहवें भाव में मंगल ग्रह स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष कहते हैं। यह दोष व्यक्ति के विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में परेशानियां और अन्य कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
हनुमान जी की पूजा से कैसे दूर होता है मंगल दोष?
हनुमान जी को मंगल देव का ही दूसरा रूप माना जाता है। इसलिए मंगलवार के दिन उनकी पूजा करने से मंगल ग्रह से संबंधित सभी दोष दूर होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, हनुमान जी की पूजा से व्यक्ति के जीवन से भय, शत्रु और बाधाएं समाप्त होती हैं। मंगला गौरी व्रत के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
मंगला गौरी (Mangala Gauri) व्रत की पूजा विधि
सावन के आखिरी मंगला गौरी (Mangala Gauri) व्रत पर आप माता पार्वती के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा भी इस तरह कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती और हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। माता पार्वती को सिंदूर, अक्षत, धूप, दीप, फूल, फल और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
हनुमान जी को लाल वस्त्र, चमेली का तेल, सिंदूर, फूल, अक्षत और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।पूजा के बाद आरती करें और हनुमान जी से मंगल दोष को शांत करने की प्रार्थना करें।