दृक पंचांग के अनुसार, आज 28 दिसंबर 2024 दिन शनिवार को साल का आखिरी प्रदोष (Pradosh) व्रत रखा जाएगा। शनिवार पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है। शनि प्रदोष (Shani Pradosh) व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव-गौरी की पूजा की जाती है।इसके अलावा प्रदोष व्रत के कुछ नियमों का पालन करना भी अनिवार्य माना गया है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के नियम
प्रदोष (Pradosh) व्रत के नियम :
प्रदोष (Pradosh) व्रत के दिन सुबह स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें और ध्यान रहें कि कपड़े फटे-कटे न हों।
प्रदोष व्रत में व्रती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।
व्रत के दौरान व्रती को नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए।
शनि प्रदोष के दिन किसी का जाने-अनजाने में भी अपमान करने से बचना चाहिए।
प्रदोष व्रत के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करने से बचें।
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प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कच्चे दूध में काला तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों को अपने क्षमतानुसार अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
प्रदोष व्रत के दिन शिव-आराधना में समय व्यतीत करें। शिवजी के मंत्रों का जाप करें।
प्रदोष काल में शिवजी की विधिवत पूजा करें और शिवलिंग पर सफेद चंदन, भांग, बिल्वपत्र, धतूरा इत्यादि अर्पित करें।