टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार को भारतीय खेल प्रेमियों को एक बड़ा झटका लगा जब पदक की उम्मीद बॉक्सर मैरीकॉम को करारी हार झेलनी पड़ी. मैरी को महिला मुक्केबाजी में 51 किलो वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया की बॉक्सर वैलेंसिया ने 3-2 से हरा दिया.
लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरी से पूरे देश को पदक की उम्मीद थी लेकिन उनका सफर प्री-क्वार्टर में ही थम गया. मैरी ने 38 साल की उम्र में जिस तरह का खेल दिखाया, उससे सभी प्रभावित हुए. सोशल मीडिया पर लोग उनकी तारीफ भी कर रहे हैं.
छह बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरी के खिलाफ तीसरे और अंतिम राउंड में वैलेंसिया ने बाजी मारी और इस तरह मैरीकॉम का टोक्यो ओलंपिक में सफर समाप्त हो गया. अनुभवी बॉक्सर मैरी टोक्यो में सिर्फ एक जीत ही हासिल कर सकीं और दूसरे मुकाबले में उन्हें हार मिली. सोशल मीडिया पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने लिखा- गर्व है भारत की बेटी पर, शाबाश.
Tokyo Olympic: मेडल के करीब पहुंची सिंधु, क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, मैरीकॉम का टोक्यो ओलंपिक में सफर थमा लेकिन क्या कमाल खेलीं 38 साल की मुक्केबाज. प्रेरणा हैं जिस तरह उन्होंने दूसरे राउंड में वापसी की. कुछ का यह भी मानना है कि मैरी अब अपने करियर को भी अलविदा कह देंगी. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनके संन्यास को लेकर भी बातें कहीं और उनके करियर को बेहतरीन बताया.
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनकी तारीफ की और कहा कि 38 साल की उम्र में भी इस तरह खेलना प्रेरणादायक है.
हैरानी की बात ये है कि मैरी ने सपाट नीली बॉक्सिंग जर्सी पहनी हुई थी जिसमें भारत का नाम प्रिंट नहीं था. मैरीकॉम ने साल 2012 लंदन ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मैरी को जैसे ही परिणाम का पता चला तो उन्होंने मुस्कुराते हुए उसे स्वीकार किया और अपनी विपक्षी खिलाड़ी वैलेंसिया को गले से लगाया.