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व्यापारी अविनाश हत्याकांड का खुलासा, चार हत्यारोपी गिरफ्तार

Avinash murder case

Avinash murder case

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पीजीआई क्षेत्र में 30 जनवरी की रात हुई एक व्यवसायी की सनसनीखेज हत्या का खुलासा करते आज चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लखनऊ के पीजीआई इलाके में 30/31 जनवरी की रात बृन्दावन कालोनी निवासी व्यापारी अविनाश सिंह की हत्या की दी गई थी। इस घटना का खुलासा करने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर एसटीएफ की टीम ने हत्या में शामिल चार आारेपियों कन्नौज निवासी सुमित कटियार , अनमोल कटियार के अलावा बाराबंकी निवासी विशाल वर्मा उर्फ आदित्य सिंह उर्फ शिवम उर्फ दिव्यांश उर्फ दिब्बू और सुनिल गुप्ता उर्फ राजन को कल रात गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कार और

हत्या की सुपारी का डेढ़ लाख रुपये। तीन एटीएम कार्ड, घटना में प्रयुक्त सात मोबाईल फोन ,घटना की रेकी में प्रयुक्त आधार कार्ड, गिरफ्तारी, घैलापुल सीतापुर-हरदोई बाई पास क्षेत्र मडियांव, लखनऊ।

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उन्होंनेे बताया कि पीजीआई क्षेत्र के बृन्दावन कालोनी निवासी अविनाश सिंह की सरोजनी नगर के इण्डस्ट्रियल एरिया में नेक्स्ट जेन फूड फैक्ट्री है। तीस जनवरी की रात्रि अविनाश के घर नहीं पहुंचने पर उसकी पत्नी ने थाना पीजीआई में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी।

स्थानीय पुलिस उसकी जांच कर रही थी, कि अगले दिन 31 जनवारी पूर्वाह्न सरोजनी नगर क्षेत्र में नहर के किनारे सुनसान खाली प्लाट में शीशम के पेड़ की डाल पर एक शव लटका मिला। उसकी शिनाख्त गुमशुदा अविनाश सिंह के रूप में किये जाने के बाद उसकी पत्नी की तहरीर पर 302 के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसकी विवेचना स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही थी।

प्रवक्ता ने बताया कि सनसनीखेज घटना होने के नाते और व्यापारियों में आक्रोश के कारण एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक ने इस घटना के खुलासे के लिए एसटीएफ की टीम को निर्देशित किया था। इस सम्बन्ध में निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार राय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर कार्रवाई की जा रही थी, कि आज अपराह्न मुखबिर की सूचना प्राप्त हुई कि व्यवसायी अविनाश सिंह की हत्या की घटना के षड़यंत्रकारी एवं हत्यारे पैसे की लेन देन के लिए कार व बाईक से सीतापुर-हरदोई बाई पास रोड पर मिलने वाले है।

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उन्होंने बताया कि इस सूचना पर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार राय के नेतृत्व में एक टीम मुखबिर के बताये गये स्थान पर पहुॅची, तो कार व बाईक के पास खड़े चार व्यक्ति भागने का प्रयास करने लगे, लेकिन एसटीएफ की टीम ने उपरोक्त चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ पर बताया कि अविनाश की पत्नी निधि कटियार की मौसेरी बहन स्व0 कामिनी का कानपुर निवासी प्रशान्त सिंह से प्रेम सम्बन्ध था लेकिन अत्यधिक दहेज की मांग के कारण विवाह प्रशांत से नहीं हो सका और कामिनी के घर वालों ने उसका विवाह समशाबाद के ब्लाक प्रमुख के पुत्र सुरजीत से तय कर दिया था और विवाह पिछले साल दो दिसम्बर को होने वाला था। विवाह की तैयारियाॅ चल रही थीं, इसी बीच नवम्बर 2020 में प्रशांत कुमार ने सुरजीत के घर जाकर अपने प्रेम सम्बन्धों की बात बता दिया, जिसके कारण सुरजीत के घर वालों ने वैवाहिक सम्बन्ध तोड़ लिया था।

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प्रवक्ता ने बताया कि इसी से क्षुब्ध होकर कामिनी ने आत्महत्या कर ली थी। कामिनी के आत्महत्या से उसका भाई सुमित कटियार बहुत दुखी हुआ और उसका यह मानना था, कि यदि निधि का भाई विक्रम अपने दोस्त प्रशांत कुमार को समझा-बुझा लेता तो कामिनी व सुरजीत का विवाह सम्पन्न हो जाता। इसी कारण सुमित कटियार विक्रम उर्फ विक्की तथा उसकी बहन को आहत करना चाहता था, जिसके कारण सुमित कटियार ने अपने मित्र अनमोल कटियार से अविनाश सिंह की हत्या कराने का षडयंत्र किया इसके लिए सुमित कटियार ने अनमोल को तीन लाख दिये जिसमें अग्रिम के तौर पर अनमोल ने 60,000 रुपये हत्या करने वाले विशाल को एक्सिस बैंक के माध्यम से दे दिये तथा शेष पैसा हत्या के बाद देना था। विशाल व सुनिल गुप्ता ने हत्या की सुपारी लेने के बाद जनवरी के अन्तिम सप्ताह में लगातार तीन दिन तक रैकी किया और अन्ततः 30 जनवरी की शाम अविनाश की फैक्ट्री से निकलने पर सर्विस रोड़ पर तमंचा दिखाकर ओवर पावर कर लिया और ड्राईविंग खुद विशाल करने लगा तथा सुनिल गुप्ता तमंचा दिखाकर भयभीत किये रहा।

उन्होंने बताया कि कानपुर रोड पर शेरे पंजाब होटल के आगे हाईवे से बाये उतरकर सुनसान स्थान पर गाड़ी के अन्दर ही गले में पड़े मफलर को खीचकर उसकी हत्या कर दी तथा शव को पहले से देखे हुए स्थान पर नहर के किनारे एनबीआरआई के पिछे एक पेड़ की डाल में उसी के मफलर से बांधकर लटका दिया तथा गाड़ी भी वही छोड़ दी। आज सुमित कटियार तथा अनमोल दोनों हत्यारों विशाल व सुनिल को1,50,000 देने आये थे तभी पकड़ लिए गये।

गिरफ्तार आरेपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।

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