नई दिल्ली। अगर इंसान यातायात के सभी नियमों का पालन करेगा तो आपकी यात्रा सुरक्षित ही रहेगी। पर अफसोस की बात यह है कि अधिकतर लोग इस बात को नहीं समझते और गलती कर बैठते हैं। देश में होने वाली करीब 80 प्रतिशत घटनाएं यातायात नियमों का पालन न करने की वजह से होता है। इनमें हर साल एक लाख से ज्यादा लोग जान गंवा देते हैं और लाखों लोग घायल होते हैं। आइए जानते हैं बीते समय में हुए हादसे और उनकी वजह:
जानलेवा रफ्तार : सड़क हादसों की यह सबसे बड़ी वजह मानक से तेज रफ्तार में वाहन चलाना है। तेज रफ्तार के कारण हर साल करीब 70 फीसद हादसे होते हैं। गत वर्ष की बात करें तो 3.19 लाख यानी 71.1 फीसद हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए। इनमें 1.01 लाख लोगों की जान चली गई। हादसों में सबसे ज्यादा मौतों की वजह भी यही है। तकरीबन 67.3 फीसद लोगों ने इन हादसों में जान गंवा दी।
अकुशल चालक : अक्सर लोग बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने लगते हैं। ये अकुशल वाहन चालक हादसों की बड़ी वजह होते हैं। पिछले ही साल हुए करीब 4.5 लाख सड़क हादसों में से 44,358 के लिए अकुशल वाहन चालक ही जिम्मेदार रहे।
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हेलमेट और सीट बेल्ट की अनदेखी : वाहन चलाते वक्त ये सबसे अहम सुरक्षा कवच हैं, लेकिन इनका महत्व बहुत कम ही लोग समझ पाते हैं। वर्ष 2019 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण जहां 24,435 लोगों की जान चली गई, वहीं सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं के कारण 20,885 लोग जान गंवा बैठे।
मोबाइल पर बात : वाहन चलाते वक्त भी लोग मोबाइल पर बात करने लगते हैं। इसी कारण से पिछले साल 10 हजार से ज्यादा हादसे हुए, जिनमें करीब पांच हजार की जान चली गई और आठ हजार लोग घायल हो गए।
रेड लाइट जंप : महानगरों में सड़क हादसों की एक बड़ी वजह यह भी है। पिछले साल रेड लाइट जंप करने के कारण करीब साढ़े चार हजार हादसे हुए, जिनमें 1,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
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नशे की लत गलत : गत वर्ष नशे की हालत में गाड़ी चलाने के कारण 12 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिनमें पांच हजार से ज्यादा लोग काल की गाल में समा गए। 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। संपत्ति का नुकसान अलग। नशा करके गाड़ी चलाने वाले अपनी व वाहन में सवार लोगों र्की ंजदगी के लिए तो खतरा होते ही हैं, दूसरे वाहन चालकों के लिए भी बड़ा खतरा होते हैं।
अवैध पार्किंग : किसी भी नेशनल अथवा स्टेट हाईवे के किनारे वाहनों की पार्किंग अपराध है। हादसों की एक बड़ी वजह भी है। इस वजह से हर साल हजारों हादसे होते हैं और उनमें हजारों लोगों की जान चली जाती है। पिछले ही साल इस वजह से 13 हजार से ज्यादा हादसे हुए, जिनमें पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 13 हजार लोग घायल हो गए।