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बार-बार चेतावनी के बाद भी नए नियमों का पालन ना करना ट्विटर को पड़ा भारी

Twitter suffered heavy for not following new rules even after repeated warnings

Twitter suffered heavy for not following new rules even after repeated warnings

सरकार की बार-बार चेतावनी के बावजूद इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। उसका इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) दर्जा खत्म हो गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने पांच जून को आखिरी चेतावनी दी थी लेकिन उसके बाद भी ट्विटर ने नियमों का पालन कर नहीं बताया तो स्पष्ट है कि कार्रवाई शुरू हो गई है। यानी अब कंटेंट को लेकर किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। पांच जून को सरकार ने नियमों का पालन के लिए दी थी अंतिम चेतावनी। बताया जाता है कि ट्विटर के साथ-साथ सिग्नल पर भी ऐसी ही कार्रवाई हो रही है। इंटरमीडियरी दर्जा खत्म होने बाद ये दोनो प्लेटफार्म सामान्य मीडिया की श्रेणी में आ जाएंगे और तब विदेशी निवेश की सीमा आदि का बंधन भी शुरू होगा। जाहिर है कि ट्विटर को भारत में संचालन में अब मुश्किलें होने वाली हैं। फरवरी में इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय की तरफ से इंटरनेट मीडिया के लिए नए नियम जारी किए गए थे। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को इन नियमों के पालन के लिए तीन महीने का समय दिया गया था जो गत 25 मई को समाप्त हो गया।

आपत्तिजनक पोस्ट के लिए व्यक्ति के साथ अब ट्विटर भी होगा जवाबदेह
वाट्सअप, फेसबुक, गूगल और कू समेत कई कंपनियों ने नए नियमों का पालन शुरू कर दिया था लेकिन ट्विटर जिद पर अड़ा रहा। नए नियमों के तहत शिकायत निवारण के लिए भारत के अंदर ग्रीवांस आफिसर की नियुक्ति, आपत्तिजनक पोस्ट, जिनके कारण कानून व्यवस्था, महिलाओं की मर्यादा, देश की अखंडता आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, उनमें नाम बताने जैसे प्रविधान किए गए हैं। आइटी विशेषज्ञ जीतेन जैन कहते है कि इंटरनेट मीडिया के नए नियम में ही यह प्रविधान है कि जो इंटरनेट मीडिया इन नियमों का पालन नहीं करेगा वह इंटरमीडियरी सुविधा खो देगा। ट्विटर के साथ यही हुआ है।

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अब ट्विटर के प्लेटफार्म पर चलने वाले किसी भी कंटेंट, वीडियो या किसी अन्य चीज को लेकर मुकदमा दर्ज होता है तो ट्विटर भी उसमें पार्टी बनेगा और भारतीय दंड संहिता के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। जैन ने बताया कि सरकार के पास ट्विटर को ब्लाक तक करने का अधिकार है। सरकार चाहे तो ऐसा कर सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंटरमीडियरी की सुविधा खत्म होने से ट्विटर को इंटरनेट मीडिया पोर्टल के नियमों का पालन करना होगा जिसके तहत उसे कई बदलाव करने पड़ सकते हैं। निश्चित रूप से ट्विटर को संचालन में मुश्किलें आएंगी।

सूत्रों का कहना है कि ट्विटर की ओर से बार-बार टालमटोल की कोशिश होती रही। 25 मई को अवधि खत्म होने के बाद दो जून को ट्विटर ने ई-मेल के जरिये बताया कि उसने वकील धर्मेंद्र चतुर को अंतरिम नोडल कांटैक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस आफिसर नियुक्त किया है। लेकिन यह नियम के अनुकूल नहीं था क्योंकि उसके तहत ग्रीवांस आफिसर कंपनी का कर्मचारी होना चाहिए। छह जून को ट्विटर ने बताया कि उसने नोडल कांटैक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस आफिसर अनुबंध पर अंतरिम रूप में नियुक्त कर लिया है। गत 13 जून को ट्विटर ने बताया कि तीनों अधिकारियों के लिए वैकेंसी निकाली गई है और जल्द ही वे नियुक्ति कर लेंगे। सूत्र बताते हैं कि जिस तरह पूरे मामले को ट्विटर घसीट रहा है उसे केंद्र सरकार बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है। लिहाजा उसका इंटरमीडियरी दर्जा 25 मई के बाद ही खत्म माना जाए।

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