अमृतसर। पंजाब के अमृतसर स्थित हेरिटेज स्ट्रीट में दो दिन के अंदर दूसरा धमाका (Blasts) हुआ है। यह धमाका आज सुबह 6:30 बजे हैरिटेज स्ट्रीट के सामने सारागढ़ी सराय के पास हुआ। इससे पहले शनिवार को रात को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की पार्किंग में बने रेस्टोरेंट में ब्लास्ट हुआ था जिसे पुलिस ने पहले चिमनी ब्लास्ट बताया था। अब पुलिस को आशंका है कि शनिवार को हुए धमाके में IED का इस्तेमाल किया गया था।
मौके पर पहुंचा बम निरोधक दस्ता
सोमवार को हुए धमाके (Blasts) के बाद मौके पर पुलिस कमिश्नर पहुंच चुके हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ब्लास्ट की आवाज काफी तेज थी और लोगों ने इसके बाद वहां पर धुआं उड़ता हुआ देखा। मेहताब सिंह, एडीसीपी, अमृतसर ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास हुए धमाके की खबर पर प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं। यहां स्थिति सामान्य है। यहां बम निरोधक दस्ता और एफएसएल की टीमें पहुंच चुकी हैं। एक व्यक्ति के पैर में मामूली चोट आई हैं।।’
शनिवार शाम भी हुआ था ब्लास्ट (Blasts)
इससे पहले शनिवार को भी गोल्डन टेंपल के पार्किंग में बने रेस्टोरेंट में धमाका हुआ था। तब पुलिस कहा था कि यह चिमनी ब्लास्ट था। शनिवार के धमाके में मामले में पंजाब पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जल्दबाजी में धमाके को रेस्टोरेंट की चिमनी फटने से हुआ धमाका बता दिया। इसके बाद ना तो पूरे इलाके को सील किया और ना ही इलाके को कवर कर मार्किंग की गई। यहीं नहीं, इलाके को तुरंत फोरेंसिक जांच के लिए सील भी नहीं किया गया। फॉरेंसिक टीम को धमाके की जगह पर पुलिसकर्मियों के साथ ही आम लोगों के जूतों के साथ घूमने की वजह से विस्फोट में इस्तेमाल किए गए केमिकल के सैंपल लेने में दिक्कत आ रही है।
IED ब्लास्ट (Blasts)
सोमवार को जो धमाका हुआ उसमें विस्फोटक को मेटल के केस में रखा गया था और पुलिस को मौके से मेटल के कई टुकड़े बरामद हुए है। आशंका है कि पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर का इस्तेमाल करके इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के माध्यम से धमाका किया गया। बताया जा रहा है कि विस्फोटक (बम) को हेरिटेज पार्किंग में लटकाया गया था और वहीं पर धमाका हुआ। स्थानीय एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर सैंपल कलेक्ट किए हैं।
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शनिवार को हुए धमाके के बाद वहां मौजूद श्रद्धालु घबरा गए थे। जिस जगह यह धमाका हुआ वहां से गोल्डन टेंपल महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है। धमाके की तीव्रता इतनी तेज थी कि कुछ घरों की खिड़किया भी टूट गईं।