नई दिल्ली। देश के दो सरकारी बैंकों (Government Banks) ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है. बैंक ऑफ बड़ौदा (BOI) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas) ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा किया है. दोनों ही बैंकों ने अपनी MCLR दरों में 0.10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. इससे ग्राहकों के लिए ज्यादातर कर्ज महंगा हो जाएगा. MCLR दर में इजाफे का असर कार, पर्सनल और होम लोन पर पड़ेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार रेपो रेट (Repo Rate) में इजाफा कर रहा है.
कब से लागू होंगी नई दरें
इंडियन ओवरसीज बैंक की नई ब्याज दरें 10 सितंबर से लागू हो गई हैं. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, ओवरनाइट के लिए MCLR 7.05 फीसदी होगा. एक महीने के लिए MCLR को 7.15 फीसदी रखा गया है. तीन और छह महीने के लिए MCLR 7.70 फीसदी रखा गया है. एक साल के लोन पर MCLR को 7.65 फीसदी से बढ़ाकर बैंक ने 7.75 फीसदी कर दिया गया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने कितना किया इजाफ
बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक साल के MCLR रेट को 7.70 फीसदी से बढ़ाकर 7.80 फीसदी कर दिया है. बैंक ने ये जानकारी रेगुलेटरी फाइलिंग के दौरान दी है. छह महीने के लोन के लिए MCLR को 7.55 फीसदी से बढ़कर 7.65 फीसदी कर दिया गया है. तीन महीने के MCLR को 7.45 फीसदी से 7.50 फीसदी कर दिया है. बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से कहा गया है कि नई दरें 12 सितंबर 2022 से लागू होंगी.
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MCLR बढ़ने का असर
किसी भी बैंक के MCLR में बढ़ोतरी से कार, पर्सनल और होम लोन महंगा हो जाता है. MCLR बढ़ने से आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाती है. नए लोन लेने वालों के लिए MCLR का बढ़ना अच्छा नहीं है. इससे उन्हें ज्यादा महंगा कर्ज मिलेगा. मौजूदा ग्राहकों के लिए लोन की ईएमआई तब बढ़ेगी जब लोन रीसेट की डेट आएगी. MCLR वो न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज ऑफर करते हैं.