केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बरेली में दूरसंचार विभाग (उत्तरी क्षेत्र) के तत्कालीन निदेशक और एक निजी कंपनी के भागीदार को धोखाधड़ी के मामले में तीन साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी है।
लखनऊ में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने बरेली में दूरसंचार विभाग (उत्तर क्षेत्र) के तत्कालीन निदेशक डीपी श्रीवास्तव को तीन साल की कैद और 70 हजार रूपये की जुर्माना और नई दिल्ली में पहाड़गंज स्थित ग्रांड टिंबर इंड्रस्टीज के पार्टनर प्रदीप गोधवानी को तीन साल की कैद और 50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी।
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वर्ष 1987 में दूरसंचार विभाग के निदेशक के पद पर रहते हुये डीपी श्रीवास्तव ने प्रदीप गोधवानी के साथ मिलकर जाली टेंडर निकाल कर दो परजेस आर्डर के जरिये सरकार को 44 लाख 43 हजार 945 रूपये का चूना लगाया था।
जांच के बाद सीबीआई ने आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान पक्षों की दलील और साक्ष्य के आधार पर सीबीआई अदालत ने दोनो को आरोपी पाया और यह सजा सुनायी।