पूर्व पुलिस कमिश्नर की चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट मंडरा रहा है। एनसीपी नेता शरद पवार ने अपने नेताओं की बैठक बुलाली है, वहीं भाजपा, कांग्रेस और मनसे ने देशमुख के इस्तीफे की मांग की है।
केंद्रीय विधिमंत्रीरविशंकर प्रसाद ने कहाकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का कितना था? एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट देने के आरोप लगे हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि देशमुख ये वसूली अपने लिए कर रहे थे या ठउढ के लिए या उद्धव सरकार के लिए? अगर गृह मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था, तो बाकी मंत्रियों का कितना था? अगर मुंबई से 100 करोड़ वसूलने थे, तो बाकी बड़े शहरों के लिए कितना अमाउंट तय किया गया था?
रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे को किसके दबाव में लाया गया। शिवसेना के दबाव में, मुख्यमंत्री के या फिर शरद पवार के दबाव में? उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। यह आॅपरेशन लूट है। रंगदारी एक अपराध है और अगर इस मामले में शरद पवार को ब्रीफ किया जा रहा है, तो सवाल उठता है कि शरद पवार जब सरकार में नहीं हैं, तो उन्हें किस लिए ब्रीफ किया जा रहा है? सवाल यह भी उठता है कि पवार ने अपने स्तर पर क्या कदम उठाए?
शरद पवार की बातें हैरान करने वाली, अनिल देशमुख का इस्तीफा जरूरी: फडणवीस
प्रसाद ने आगे कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री उसका बचाव करते हैं। दूसरी तरफ गृह मंत्री कहते हैं कि मुझे 100 करोड़ लाकर दो। यह काफी गंभीर मसला है। इसकी गंभीर और ईमानदारी से जांच जरूरी है। मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए, इसमें पवार साहब की भूमिका हो सकती है। मुंबई पुलिस की भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से भी कई सवाल किए जा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘एक सवाल यह उठता है कि वझे से महाराष्ट्र सरकार ने और कितने गंदे काम कराए? ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि एक इंस्पेक्टर को सीएम डिफेंड कर रहे हैं। ऐसा मैंने पहले नहीं देखा। आखिर उसे बचाने की क्या मजबूरी थी। उसके पेट में ऐसे क्या-क्या राज छिपे हैं। इस बात को समझना चाहिए। हमारी आशंका है कि पूरी महाराष्ट्र सरकार वझे को बचा रही है, क्योंकि उसके पास काफी राज छिपे हैं।
उद्धव सरकार बताए सचिन वाजे को किसके दबाव में लाया गया?
‘मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों ने उद्धव सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर कहा था कि सचिन वझे को गृहमंत्री का संरक्षण था और उन्होंने वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। इन आरोपों के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने रविवार को मीडिया से बात की।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे की बहाली पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी, मुख्यमंत्री या गृह मंत्री ने नहीं। रही बात देशमुख के इस्तीफे की, तो उस पर फैसला उद्धव लें। वहीं, एनसीपी के सीनियर लीडर जयंत पाटिल ने तो यहां तक कह दिया कि अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। अळर एंटीलिया केस और मनसुख हीरेन केस की जांच कर रही है। हमें भरोसा है कि दोषी को सजा दी जाएगी।पवार ने कहा कि परमबीर ने देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन उसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। चिट्ठी में यह भी नहीं बताया गया कि पैसा किसके पास गया। साथ ही पत्र पर परमबीर के साइन भी नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र सरकार को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इन सब मामलों का कोई असर नहीं होगा।