कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन (Ukraine-Russia War) जंग के 26 दिन बीत चुके हैं लेकिन रूस अब तक यूक्रेन को झुकाने में कामयाब नहीं हुआ है। हालांकि, युद्ध की वजह से यूक्रेन का काफी नुकसान हुआ है, करीब 30 लाख लोगों को अपना घर-देश भी छोड़ना पड़ा है। इस सब के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Zelensky) ने सुलह का नया फॉर्मूला दिया है, जिसपर अब रूस का जवाब आने का इंतजार है।
वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अब सोमवार को NATO को खरी-खोटी सुनाई और कहा कि यूक्रेन NATO में शामिल नहीं होगा, लेकिन उसके बदले रूस को तीन शर्तें माननी होंगी। बता दें कि व्लादिमीर पुतिन ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ कथित ‘मिलिट्री एक्शन’ की शुरुआत की थी तब इसके पीछे यूक्रेन की NATO को ज्वाइन करने की जिद मुख्य वजह बताई गई थी।
जेलेंस्की ने बताई तीन शर्तें
वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अगर रूस संघर्ष विराम करेगा, रूसी सैनिकों को वापस रूस बुला लेगा और यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देगा तो वह NATO में शामिल होने का विचार त्याग देंगे।
यूक्रेनी टीवी चैनल्स को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि यह समझौता सबके लिए है। पश्चिम के लिए है, जिसको यह नहीं पता कि NATO के बारे में हमारे (यूक्रेन) के साथ क्या करना है। यूक्रेन के लिए है जो अपनी सुरक्षा की गारंटी चाहता है। रूस के लिए है जो नहीं चाहता कि NATO का आगे विस्तार हो।
टीवी इंटरव्यू में वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन से सीधी बात करने पर भी जोर दिया। वह बोले कि मैं पुतिन से मिलना चाहता हूं। मीटिंग के बिना यह नहीं समझा जा सकता कि रूस युद्ध रोकने के बदले क्या चाहता है।
Ukraine-Russia War: रूस के एयरस्ट्राइक से कांपा थियेटर, छिपे हुए थे 1000 से अधिक बच्चे-महिलाएं
इतना ही नहीं जेलेंस्की ने यह भी कहा कि वह क्रीमिया, पूर्वी डोनबास क्षेत्र (जिसके दो इलाकों को रूस ने स्वतंत्र देश घोषित किया था) की स्थिति पर चर्चा को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह चर्चा तब ही होगी जब संघर्ष विराम होगा और सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी।
रूस से डरता है NATO: जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने NATO पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि NATO साफ-साफ यह कहे कि वह हमें अपना हिस्सा बना रहा है, या फिर यह कहे कि वह हमें नहीं अपना रहा है क्योंकि उसे रूस से डर लगता है, जो कि सही है।