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उमेश हत्याकांड: अशरफ की मदद करने के आरोप में जेलर समेत छह निलंबित

Atiq Ahmed

Atiq Ahmed and Ashraf shot dead

बरेली। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Murder Case) की साजिश में शामिल माफिया सरगना अतीक अहमद के भाई अशरफ (Ashraf) की मदद करने के आरोप में बरेली जेल के जेलर समेत छह कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में एक बंदी रक्षक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि अब तक इस मामले में दो बंदीरक्षक समेत छह लोगों को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस महानिदेशक कारागार ने निलंबित जेल अफसरों और बंदीरक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच का भी आदेश दिया है।

सूत्रों के अनुसार प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल की हत्या (Umesh Murder Case) की योजना पीलीभीत बाइपास स्थित एक बारात घर और फाइक इंक्लेव कालोनी समेत शहर में कई जगहों पर रची गई थी। कॉलोनी में अशरफ का साला सद्दाम रहता था। उस मकान को सील किया जा चुका है। साजिश रचने और जेल में बंद अशरफ से फर्जी मुलाकात करवाने और सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में डीजी जेल आनंद कुमार ने इस पूरे मामले की जांच डीआईजी जेल बरेली आरएन पांडेय को दी थी। पिछले कई दिनों से वह जेल में छापेमारी कर सबूत तलाश रहे थे।

सोमवार को डीआईजी जेल ने अपनी जांच रिपोर्ट डीजी जेल को सौंप दी। डीजी जेल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर बरेली जेल के जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह, मुख्य आरक्षी ब्रजवीर सिंह, मनोज गौड़, दानिश मेंहदी, लखपत सिंह को निलंबित कर दिया है। इस मामले में शिवहरि अवस्थी को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।

इंस्पेक्टर बिथरी अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार दोपहर को पीलीभीत जेल के बंदी रक्षक मनोज कुमार गौड़ और पुराना शहर में चकमहमूद के रहने वाले सरफुद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनके पास से तीन मोबाइल बरामद किए गये हैं। मनोज को करीब दो माह पहले ही बरेली जिला जेल से पीलीभीत जेल ट्रांसफर हुआ था। इससे पूर्व आरक्षी शिवहरि अवस्थी, नन्हें उर्फ दयाराम, चक महमूद के फुरकान, मीरगंज के राशिद को जेल भेजा जा चुका है।

पुलिस अधीक्षक नगर राहुल भाटी ने बताया कि जेल में निरुद्ध अशरफ से उसके सगे सम्बन्धियों को बिना पर्ची के जेल स्टाफ मनोज कुमार गौड़ प्राइवेट बातचीत करवाता था जबकि सरफुद्दीन जेल के अन्दर पैसे व खानपान व प्रतिबन्धित सामान बिना पर्ची ले जाता था, बगैर आईडी के मुलाकात करवाता था। आरोपियों के मोबाइल नंबर खंगाले जा रहे हैं। जेल के सीसीटीवी के जरिए कई और संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। फरार चल रहे लल्ला गद्दी और अशरफ के साले सद्दाम की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीमें लगी हुई हैं।

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