उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार के बेरोजगारी के झूठे आंकड़े का आरोप लगाते हुये कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है।
विधानसभा में सोमवार को श्री लल्लू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था मगर मुख्यमंत्री ने खुद की गयी घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया जो कि उनके वादे का मखौल उड़ाती है। सरकारी भर्तियों के तमाम आयोगों में प्रमुख उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से लेकर 2019 के बीच इसके द्वारा निकाली गयी 24 प्रकार की भर्तियों में से 22 भर्तियां अभी तक अटकी हुई हैं।
उन्होने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी और घटते विकास दर के कारण प्रदेश का नौजवान बेहाल है। बेरोजगारों को सरकार रोजगार दे पाने में अक्षम साबित हो रही है। जिसके चलते प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गयी है। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। पिछले दो सालों में ही साढ़े बारह लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़े हैं। सरकार लम्बित भर्तियों पर कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है जिसके कारण बढ़ती बेरोजगारी दर चिन्ता का विषय बनी हुई है। आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते आये दिन युवा बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं।
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श्री लल्लू ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है। यह प्रदेश की बेरोजगारी की भयावहता को दर्शाता है। सरकार अपने अहंकार में इसका हल निकालने के बजाए रोजगार मांगने वाले नौजवानों के प्रति दमनात्मक कार्यवाही कर रही है।
उन्होने कहा कि संविदा और ठेके पर नौकरी करने वाले युवाओं को रोजगार बताया जाना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है बल्कि यह युवाओं और बेरोजगारों का शोषण है। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी बेहद चिन्ता का विषय बनी हुई है। यदि प्रदेश सरकार समय रहते प्रदेश में लम्बित भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करके हल निकाला तो प्रदेश भर में पढ़े लिखे नवयुवक सड़क पर उतरकर आन्दोलन को बाध्य होंगे अथवा गलत रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हो जायेगें।