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अनोखा स्कूल जहां के बच्चे लिखते हैं दोनों हाथों से, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

वीणा वादिनी स्कूल

वीणा वादिनी स्कूल

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बच्चे का दाएं व बाएं हाथ से लिखना तो आम बात है और आपने देखा भी होगा। लेकिन अगर हम कहें कि एक ऐसा स्कूल भी है, जहां के बच्चे दोनों हाथ से एक साथ लिखते हैं। आज हम आपको मध्यप्रदेश के सिंगरौली में स्थित एक गांव बुधेला में एक स्कूल के बारे में बताने जा रहे है जहां बच्चों के दोनों हाथों में एक साथ लिखने का हुनर है। इसी गांव में है वीणा वादिनी पब्‍ल‍िक स्‍कूल।

इस स्‍कूल में करीब 200 बच्‍चे पढ़ते हैं और  हैरान करने वाली बात तो यह है कि हर बच्‍चे के पास दोनों हाथों से लिखने का हुनर है। इस स्‍कूल की स्‍थापना 1999 में पूर्व सैनिक वीपी शर्मा ने की थी। वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद से बहुत प्रभावित हैं। उन्‍हीं से प्रेरित होकर उन्‍होंने इस स्‍कूल की स्‍थापना की थी। वह बताते हैं एक दिन जबलपुर रेलवे स्टेशन पर एक पुस्तक में मैंने पढ़ा कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद दोनों हाथ से लिखते थे।

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वीपी शर्मा कहते हैं, ‘वीणा वादिनी में क्‍लास-1 से हम छात्रों को दोनों हाथों से लिखने की ट्रेनिंग देना शुरू कर देते हैं। जब तक वह क्‍लास-3 में पहुंचते हैं, दोनों हाथों से लिखने में सहज महसूस करने लगते हैं। क्‍लास-7 और 8 तक आते आते स्‍टूडेंट्स की स्‍पीड और एक्‍युरेसी भी बढ़ जाती है। हर बच्‍चे को एक साथ दोनों हाथों से दो लीपियों में लिखने की ट्रेनिंग दी जाती है।’ यानी स्‍कूल का हर बच्‍चा एक साथ अंग्रेजी और हिंदी दोनों लिख सकता है।

दोनों हाथों और एकसाथ दो लिपियों में लिखने की क्षमता डवलप करने से बच्‍चों को भी लाभ मिलता है। आम तौर पर जिस लेख को लिखने में किसी बच्‍चे को घंटों लगते हैं, उन्‍हें यह लगभग आधे समय में पूरा कर लेते हैं। इन बच्‍चों को स्‍कूल में देवनागरी, उर्दू, स्पेनिश, रोमन, अंग्रेजी समेत छह लिपियो और भाषाओं का ज्ञान दिया जाता है। औसतन स्‍कूल का एक बच्‍चा 11 घंटों में 24000 शब्द लिखने की क्षमता रखता है।

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शर्मा बताते हैं कि यह एक साधना की तरह है। ध्यान, योग, दृढ़ संकल्प होकर लक्ष्य पाया जा सकता है। इसलिए स्कूल में ध्यान और योग भी करीब डेढ़ घंटे तक रोज सिखाया जाता है। दोनों हाथों से एक साथ लिखने से याद रखने की क्षमता बढ़ती है। दिमाग तेज होता है और सबसे बड़ी बात समय की बचत होती है। इसी का परिणाम है कि बच्चे एक से 100 तक की गिनती उर्दू में 45 सेकंड में, एक मिनट में रोमन में, एक मिनट में देवनागरी लिपि में लिख लेते हैं। एक मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का अनुवाद कर देते हैं। एक मिनट में 17 तक का पहाड़ा लिख लेते हैं। एक हाथ दो का पहाड़ा लिखता है तो दूसरा हाथ तीन का। फिर पहला हाथ चार तो दूसरा हाथ पांच का पहाड़ा लिखना शुरू कर देता है।

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