वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 16 जनवरी से टीकाकरण शुरु हुआ, लेकिन इसमें भी विपक्ष ने राजनीति करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। वैक्सीन को लेकर कोई कहता था कि यह भाजपा की वैक्सीन है तो कोई इसे मोदी वैक्सीन बताता था। भारत की ही निर्मित दोनों प्रकार की वैक्सीन आज पूरी तरह से सुरक्षात्मक साबित हो रही है। इसको देखते हुए विरोध करने वाले विपक्ष के लोग आज निशुल्क वैक्सीन मांग रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में इस तरह से कार्य किया गया कि देश में सबसे अधिक कोरोना रिकवरी वाला प्रदेश बन गया है। यह बातें शनिवार को कानपुर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से मुखतिब होते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में पूरी दुनिया सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रही है। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का वैज्ञानिकों ने इजाद कर लिया और 16 जनवरी से वैक्सीन लगना शुरु हो गई। भारत सरकार के सहयोग से 45 वर्ष से अधिक लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है और 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को राज्य सरकार द्वारा निशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है। यूपी आबादी में सबसे बड़ा है, उसके अपेक्षित परिणाम आए हैं। प्रदेश की रिकवरी 93 फीसदी से अधिक है। यूपी में अब तक 1 करोड़ 62 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। निगरानी टीम लगातार काम कर रही और ग्रामीणों को मेडिकल किट भी दी जा रही है। रेलवे और वायुसेना की मदद से ऑक्सीजन की सभी शहरों में आपूर्ति करायी है। आज ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा मौजूद है, कानपुर मंडल में 30 ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रहे हैं। दूसरी लहर जब पीक पर थी, तो लोगों ने कालाबाजारी की और उन पर एनएसए की कार्रवाई की गई।
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मोदी के मार्गदर्शन में चल रहा है बृहद अभियानमुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर मंडल की कोविड प्रबंधन को लेकर यहां आना हुआ है। प्रधानममंत्री के मार्गदर्शन में बृहद अभियान चल रहा है। उत्तर प्रदेश आबादी की लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है। इस लिहाज से यहां पर 24 अप्रैल को सबसे अधिक पॉजिटिव केस आये थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बेहतर कार्य से रिकवरी में तेजी से हो रही है। 93 फीसीद से अधिक रिकवरी रेट चल रहा है। इस लिहाज से देश में सबसे ज्यादा रिकवरी करने वाला प्रदेश है। निगरानी समिति को गांव-गांव सक्रिय किया गया है। यहां पर जांच के साथ साथ कोविड किट का वितरण किया जा रहा है। साथ ही इलाज की भी वहीं व्यवस्था की जा रही है।
एयरफोर्स और रेलवे का रहा अहम योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम व द्वितीय वेव में भारत सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया। एयरफोर्स से लेकर रेलवे ने बेहतर योगदान दिया। कानपुर में मेडिकल कॉलेज के साथ तीन जगह पर ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। मजबूरी के समय कालाबाजारी करने वालों पर सख्ती से निपटा जा रहा है। गिरफतारी और एनएसए की कार्रवाई भी की जा रही है। आगे की विधिक कार्रवाई में इनकी संपत्ति की भी जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
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मीडिया के लिए की गई है अलग व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। पहले चरण के बाद द्वितीय चरण में अब मीडिया व अधिवक्ता और न्याायाल कर्मचारियों को शामिल किया गया है। मीडिया के लोगों के लिए अलग से भी जून से वैक्सीन की व्यवस्था की जाएगी। आगे कहा कि कोरोना महामारी में प्राण बचाने का इससे बड़ा कोई उपाय नहीं है। पहले जो लोग मदी वैक्सीन कहकर मना करते थे आज वह इसे लगवाने की बात करते हैं। इससे उनका दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है। मई तक संक्रमण को काबू कर लेगें और जून में राहत के साथ मेडिकल व्यवस्थों में तेजी लाकर अभियान को पूरा कराएंगें।
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चुनौती के रुप में सामने आया ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस पर बोले कहा कि यह एक चुनौती के रुप में सामने आया है। इससे भी पूरी तरह से निपटा जाएगा। फेको विधि के लिए 100-100 बेड के अस्पतालों में व्यवस्था की जा रही है। सीएसचसी में भी 25-25 बेड की व्यवस्था कराई जा रही है। द्वितीय वेव पर हम नियंत्रण की ओर हैं 25 मार्च से लगातार बैठक कर रहे हैं। आज लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। नियंत्रण के लिए जनसहभागिता जरुरी है।
कोविड कमांड सेंटर में जाना फोन काल का आंकड़ा
कोविड कंट्रोल सेंट्रल में पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती मरीजों की जानकारी किस तरह से ली जा रही है यह जाना। मरीजों को की जाने वाली काल का औसत आंकड़ा मांगा, जिसमे 90 प्रतिशत कॉल किये जाने के आंकड़े सामने आये। 10 प्रतिशत कम कॉल के बारे में मुख्यमंत्री को बताया गया कि बहुत से कोरोना के मरीज मोबाइल बन्द कर लेते हैं। उनसे बाते नहीं हो पाती है जिनकी संख्या 10 प्रतिशत तक है। कानपुर महानगर में कुल 25 कोविड अस्पताल हैं, जहां मरीज भर्ती किए गए हैं। उनमें से 22 अस्पतालों को कोविड कंट्रोल सेंट्रल से नियंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कोविड कंट्रोल सेंटर से इन 22 अस्पतालों में पांच को लाइव इलाज होते देखा।
जागेश्वर अस्पताल को सीएम ने दी हरी झंडी
नगर निगम द्वारा संचालित होने वाला गोविन्द नगर स्थित जागेश्वर अस्पताल काफी समय से सुविधाओं के आभाव में बंद चल रहा है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने जानकारी मांगी और चालू करने के लिए हरी झंडी दे दी। प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये कि अस्पताओं को सभी सुविधाओं के साथ सांचालित किया जाए। कहा कि जागेश्वर अस्पताल के शुरु होने से दक्षिण की जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।
ग्रामीणों से मुख्यमंत्री ने की बात
मीडिया ब्रीफिंग के बाद मुख्यमंत्री बिठूर थाना क्षेत्र के परगही बांगर गांव का निरीक्षण करने पहुंचे और ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरुक किया। इसके साथ ही ग्रामीणों से बातकर कोरोना के प्रति सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई तैयारियों का फीडबैक भी लिये। इसको लेकर परगही गांव में साफ सफाई से लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। परगही गांव के निरीक्षण के बाद पुलिस लाइन से लखनऊ के लिए रवाना हो गयें। इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार, महापौर प्रमिला पाण्डेय, एमएलसी सलिल विश्नोई, अरुण पाठक, विधायक उपेन्द्र पासवान, सुरेन्द्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा, भगवती सागर, महेश त्रिवेदी आदि मौजूद रहें।