वाराणसी। आम का राजा कहा जाने वाला बनारसी लंगड़ा के स्वाद के दिवाने समूचे भारत ही, इंगलैंड और अमेरिका के अलावा खाड़ी देशों के लोग भी हैं। आज यह आम एक दूसरी वजह से चर्चा में है। यह चर्चा उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद (Keshav Maurya) की वजह से हो रही है। दरअसल इस आम का स्वाद उन्हें इतना बढ़िया लगा कि उन्होंने एक-दो किलो नहीं, बल्कि पूरी की पूरी ठेली ही खरीद ली।
इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर देश भर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इसी क्रम में बनारस में निकल रही तिरंगा यात्रा में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या (Keshav Maurya) बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल के साथ शामिल होने पहुंचे थे। काशी विद्यापीठ से शुरू हुई यह तिरंगा यात्रा संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी पर खत्म हुई। यात्रा संपन्न होने के बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्या, भूपेंद्र चौधरी और सुनील बंसल सड़क पर खड़े खड़े बात कर रहे थे।
डिप्टी सीएम (Keshav Maurya) ने खरीद ली पूरी ठेली
इसी दौरान संतोष सोनकर नामक युवक अपने ठेले पर आम लेकर निकला। उसे देखकर डिप्टी सीएम ने रोका और पूछा कि कौन सा आम है। इसके जवाब में संतोष ने कहा- बनारसी लंगड़ा। यह सुनकर डिप्टी सीएम (Keshav Maurya) कुछ सोचने लगे और फिर कहा कि सबको खिलाओ। इसी दौरान उन्होंने सुनील बंसल से पूछा कि कैसा स्वाद है। उन्होंने जब कहा कि गजब का तो डिप्टी सीएम ने ठेले वाले से पूछ लिया कि कुल कितने का है। उसने बताया कि 8 हजार रुपये। यह सुनते ही डिप्टी सीएम ने अपने स्टॉफ से कहा कि इन्हें 8 हजार रुपये और एक किलो मिठाई दो।
2022 में मिला जीआई टैग
इसके बाद उन्होंने पूरा ठेला खरीद लिया। इसके बाद इस आम की क्वालिटी को लेकर संतोष और डिप्टी सीएम (Keshav Maurya) के बीच मजेदार बातचीत हुई। दरअसल संतोष ने बताया कि यह आमों का राजा है और केवल बनारस में पैदा होता है। अभी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर इसे जीआई टैग मिला है। यह सुनकर डिप्टी सीएम केशव मौर्या मुस्कुरा दिए।
‘अराजकता’ का दूसरा नाम बन चुके राहुल गांधी…, केशव मौर्य ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बता दें कि जीआई टैग मिलने के बाद से बीते तीन सालों में बनारसी लंगड़ा आम की ग्लोबल ब्रांडिंग हुई है। इस दौरान हर साल करीब 50 टन बनारसी लंगड़ा की खेप अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में जा रही है। खासतौर पर अमेरिका में इस आम की डिमांड तेजी से बढ़ी है। आम निर्यातकों की माने तो अगले पांच सालों में इस आम का निर्यात 100 टन से ऊपर जा सकता है।