उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल की अपेक्षा इस साल किसानों से दोगुना गेहूं अधिक खरीदा है। सरकार ने अब करीब 4.5 लाख किसानों से 22 लाख 83 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सरकार ने किसानों से अनाज खरीदने के लिए यूपी में 5617 केन्द्र बनाए हैं। इसमें सबसे अधिक 3254 केन्द्र यूपी सहकारी संघ के हैं, जहां से अनाज की खरीद की जा रही है। प्रदेश में अब तक 448789 किसानों से 2283643.67 मीट्रिक टन अनाज की खरीद की जा चुकी है। किसानों को 3090.07 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा सरकार 72 घंटे के भीतर किसानों को उनके अनाज का भुगतान कर रही है। पिछले साल किसानों से 12.75 लाख मीट्रिक टन अनाज की खरीद की गई थी।
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उन्होने बताया कि किसानों के लिए ई मंडियों की शुरूआत की गई ताकि उनको मंडी के चक्कर न लगाना पड़े। किसानों को खेत से 10 किलोमीटर के दायरे में अनाज बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई गई। प्रदेश सरकार ने देश में पहली बार कृषक उत्पादक संगठनों को शामिल कर किसानों को तोहफा दिया। प्रदेश के 115 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। जिससे किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं बेचने की सुविधा मिली।
सूत्रों ने बताया कि गेहूं खरीद में लगे किसानों को सरकार ने एक और बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश ने किसानों के साथ अनाज खरीद में धांधली और गड़बड़ी की गुंजाइश बिलकुल समाप्त कर दी है। सरकार की ओर से मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि किसानों को उनके दाने-दाने का भुगतान किया जा सके। इस डिवाइस के माध्यम से किसानों को गेहूं के एक-एक दाने की कीमत पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ मिलेगी।
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ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल मिल जाएगी। ई पॉप मशीनों के जरिए खरीद से मंडियो से बिचौलियों भी गायब हो गए है। इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फायदा मिल रहा है।