उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है कि अब से नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों को नहीं खरीदा जाएगा. NCERT किताबों की खरीददारी सिर्फ पहली और दूसरी क्लास के लिए ही नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की बैठक का आयोजन हुआ. इसमें 20 से ज्यादा प्रस्ताव पेश किए गए, जिन्हें सरकार द्वारा मंजूर किया जाना था. इन्हीं प्रस्तावों में NCERT किताबों को लेकर लाया गया प्रस्ताव भी शामिल था.
राज्य मंत्रिमंडल ने पहली और दूसरी क्लास के छात्रों के लिए NCERT किताबों की खरीद के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया. प्रस्ताव में कहा गया था कि एकेडमिक सेशन 2023-24 के लिए पहली और दूसरी क्लास के लिए NCERT किताबों को खरीदा जाए. हालांकि, इस फैसले को स्वीकार नहीं किया गया.
NCERT किताबों को लेकर जानकारी देते हुए कैबिनेट जयवीर सिंह ने कहा, ‘पहली और दूसरी क्लास के लिए NCERT की किताबों की खरीद का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में रखा गया था, लेकिन यह फैसला किया गया है कि राज्य स्थानीय रूप से प्रिंट हुईं किताबों से ही पढ़ाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि छात्रों को शुरुआती क्लास में अपने देश के अलावा राज्य, जिले और क्षेत्रों के बारे में जानने की जरूरत भी है.’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर के सिलेबस और किताबों को पूरे देश को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. लेकिन जब राज्य की बात आती है, तो ये उचित होता है कि पहली और दूसरी क्लास में बुनियादी स्तर की पढ़ाई के दौरान छात्रों को उनके क्षेत्रों, जिलों और राज्य के बारे में उचित जानकारी मिल पाए. इसलिए छात्रों के किताबें राज्य में ही छापी जाएंगी.’
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग पहले से ही NCERT की किताबों को लागू कर रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य में पहली और दूसरी क्लास में एनसीईआरटी की किताबें लाने के लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि, नए एकेडमिक सेशन की शुरुआत में लगभग एक महीने बचे हुए हैं. ऐसे में ये फैसला किया गया है कि राज्य में ही किताबों को प्रिंट किया जाए, ताकि समय पर उनकी डिलीवरी हो सके.