लखनऊ। देश की एक नामी ब्रोकरेज फर्म (आनंद राठी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग) के मुताबिक स्पोर्ट्स इंडस्ट्री (Sports Industry) में फिलहाल अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “खेलो इंडिया” नीति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस नारे को यूपी में जमीन पर उतारने का प्रयास चल रहा उसके मद्देजर आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे में तो और भी। खासकर तब जब मेरठ में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री (Sports Industry) की संपन्न परंपरा है। ब्रोकरेज फर्म के अनुसार अगले पांच साल (2027) में स्पोर्ट्स एवं फिटनेस इंडस्ट्री का कारोबार 27 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इन संभावनाओं के मद्देजर प्रदेश सरकार यूपी को स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का हब बनाना चाहती है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में इसमें मददगार बनेगा।
12 फरवरी को हैंगर ‘भारद्वाज’ में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री (Sports Industry) में निवेश पर विशेष सत्र
इसी मकसद से समिट में 12 फरवरी को ‘उत्तर प्रदेश में खेल क्षेत्र और एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका’ विषय पर केंद्रित विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। हैंगर-3 ‘भारद्वाज’ में यह सत्र 11:45 बजे से दोपहर 13:30 तक चलेगा। जीआईएस में होने वाले खेल सत्र में खेल जगत के सम्मानित व्यक्ति उत्तर प्रदेश में खेलों के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे। सत्र में खेल क्षेत्र के सभी हितधारकों के बीच उपयोगी संवाद होगा। यह सत्र विभाग को निवेशकों और उद्योग के साथ निवेश या जुड़ने के लिए अपनी नीति और आकर्षक विकल्पों के बाबत विस्तार से जानकारी देगा।
अभिनव बिंद्रा,सुरेश रैना, कार्लोस एजपेलेटा आदि होगें सत्र के मुख्य वक्ता
अभिनव बिंद्रा, ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और संस्थापक अभिनव बिंद्रा टारगेटिंग परफॉर्मेंस, कार्लोस एजपेलेटा, मुख्य रणनीति अधिकारी, डोरना (मोटो जीपी), उदित सेठ, संस्थापक ट्रांसस्टेडिया, सुरेश रैना, भारतीय क्रिकेटर, यानिक कोलाको फाउंडर फैनकोड, बेनेडिक्ट डे ला ब्रिएरे, विश्व बैंक, पॉल वी जेन्सेन, प्रबंध निदेशक यूरोपीय व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र, ड्वाइट हावर्ड एनबीए एथलीट, नासिर हुसैन, सीईओ, रग्बी इंडिया, ब्रिटिश उच्चायोग के प्रतिनिधि, डॉ. निधि पुंढीर, वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सीएसआर, एचसीएल फाउंडेशन, सिद्धार्थ उपाध्याय, यूनिव स्पोर्टटेक रुश्दी वार्ली सीईओ इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स।
उल्लेखनीय है कि खेलों के लिहाज से उत्तर प्रदेश का इतिहास बेहद शानदार रह है। हाकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद, केडी सिंह बाबू, मोहम्मद शाहिद, एसएम अली सईद, क्रिकेटर नरेंद्र हिरवानी, शटलर सैयद मोदी सरीखे खिलाड़ी यहीं से थे। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर सुरेश रैना, कुलदीप यादव हॉकी के ओलंपिक मेडलिस्ट ललित उपाध्याय आदि उस अतीत को समृद्ध कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में खेल व खिलाड़ियों को ‘मैदान’ देकर योगी सरकार ने सुनहरा वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य दिया है। बुनियादी सुविधाओं की बेहतरी और खिलाडियों की हौसला अफजाई का यह क्रम लगातार जारी है। इस साल भी प्रदेश में “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स” और “मोटो जीपी” जैसे दो बड़े आयोजन होने हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही राज्य ने कुश्ती और बैडमिंटन को गोद लेने की घोषणा कर चुके हैं।
इन सबकी वजह से मौजूदा समय मे यूपी में खेलों का शानदार इकोसिस्टम बना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समि (जीआईएस) के जरिए समृद्धशाली उत्तर प्रदेश बनाने, नए आयाम स्थापि करने व यूपी को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए खेल विभाग भी अपना हरसंभव योगदान देने क तत्पर है।
स्पोर्ट्स एवं फिटनेस उत्पादों की बढ़ती मांग के लिए बूस्टर डोज साबित होगा जीआईएस
हाल के वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्री स्तर पर प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। राष्ट्रीय स्तर पर यूपी के खिलाड़ियों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई है। वैश्विक महामारी कोरोना के बाद लोग फिटनेस को लेकर खासे जागरूक हुए हैं। बढ़ती जागरूकता की वजह से स्पोर्ट्स एवं फिटनेस से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ी है। इस सबकी वजह से इस सेक्टर की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं। यकीनन जीआईएस खेल इंडस्ट्री के लिए बूस्टर डोज साबित होगा।
इनसे होगा एमओयू
उम्मीद है कि एचसीएल फाउंडेशन, ड्वाइट हावर्ड, रग्बी इंडिया ड्रीम फाउंडेशन, फैनकोड, मोटो जीपी, ट्रांसस्टेडिया, अभिनव बिंद्रा टारगेटिंग परफॉर्मेंस, यूरोपीय व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र और विस्तारा, यूनिवर्सिटी स्पोर्टटेक, जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स और एचएएल प्रदेश के स्पोर्ट्स एवं फिटनेस इंडस्ट्री में बड़े निवेश के बाबत एमओयू करेंगी।
UPSIDA को 53 जिलों, 10 राज्यों और चार देशों से मिला बड़ा निवेश
एथलीटों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खेलो इंडिया की पहल को बढ़ावा देने और लागू करने के साथ-साथ खुद की खेल विकास रणनीतियों को विकसित करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सक्रिय रही है। हमारी मंशा है कि अन्य क्षेत्रों की तरह स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में भी उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी बने। मौजूदा इकोसिस्टम की वजह से जीआईएस इसमें मददगार बनेगा।”
– नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव (खेल) इंडस्ट्री*