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यूपीपीसीबी की रिपोर्ट, प्रदेश की नदी- जलाशयों की जलगुणता में 68 फीसदी से अधिक सुधार

Writer D by Writer D
27/05/2025
in उत्तर प्रदेश, राजनीति, लखनऊ
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UPPCB report, 68.8% improvement in water quality of the rivers of the state

UPPCB report, 68.8% improvement in water quality of the rivers of the state

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB ) ने प्रदेश की नदियों और जलाशयों की जलगुणता को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यूपीपीसीबी ने प्रदेश की सभी नदियों और जलाशयों में जलगुणता की जांच रिपोर्ट में पाया कि यूपी में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जल शुद्धता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है। यह सुधार सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जल प्रदूषण मुक्ति के लिये किये गये विशेष प्रयासों और सख्त निगरानी का परिणाम है। जिसके तहत प्रदेश में वर्तमान में 152 स्थापित एसटीपी में से 141 एसटीपी पूरे मानक पर संचालित हैं। यूपीपीसीबी ने मानकों के आधार पर संचालित नहीं हो रहे एसटीपी पर सख्त कार्यवाही करते हुए लगभग 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

UPPCB की रिपोर्ट, प्रदेश की नदियों की जलगुणता में 68.8 फीसदी सुधार

सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश में बहने वाली गंगा, यमुना, गोमती जैसी पवित्र नदियों और जलाशयों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये हैं। साथ ही सीएम योगी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की नामामि गंगे और स्वच्छ भारत मिशन जैसी महात्वाकांक्षी परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन के किया गया है।

UPPCB ने प्रदेश की सभी नदियों और जलाशयों में जलगुणवता की जांच रिपोर्ट में पाया कि यूपी में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जलगुणता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है। यूपीपीसीबी द्वारा वर्ष 2024 में 176 स्थानों पर किये गये परीक्षणों में से 120 स्थानों पर जल शुद्धता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। जो प्रदेश में जल शोधन और जल स्वच्छता के लिए किये गये प्रयासों की सफलता को प्रदर्शित कर रहा है।

नमामि गंगे परियोजना के तहत प्रदेश में स्थापित हैं 152 एसटीपी, 141 पूरी क्षमता से हैं संचालित

सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की नदियों और जलाशयों की स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं। जिस क्रम में विशेष ध्यान जल शोधन संयत्रों और सीवेज ट्रीटेमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन और उनकी कार्यक्षमता पर दिया गया है। अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार, प्रदेश में कुल 152 एसटीपी स्थापित हैं। इनमें से 141 एसटीपी संचालित हैं एवं 126 एसटीपी निर्धारित मानकों को पूरा कर रहे हैं।

वर्तमान में 6 एसटीपी परिक्षण के दौर में हैं और 15 एसटीपी अभी अपनी पूरी क्षमता पर संचालित नहीं हैं, जो जल्द ही मानकों के अनुरूप संचालित होने लगेगें। यूपीपीसीबी के आकंड़ों से स्पष्ट है कि जलगुणता में सुधार और एसटीपी के प्रभावी संचालन से नदियों में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं।

डिफाल्टर एसटीपी पर UPPCB ने लगाया 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना

योगी सरकार जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नीतियों और नियमित निगरानी पर जोर दे रही है। इसी क्रम में UPPCB ने मानकों का उल्लंघन करने वाले एसटीपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2025 तक डिफॉल्टर एसटीपी पर कुल 11.79 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, इस अवधि में अभी तक केवल 7.30 लाख रुपये की ही वसूली हो सकी है, UPPCB ने जुर्मान वसूली प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदियों के संरक्षण और जल प्रदूषण को रोकने के लिए गंगा, यमुना, गोमती जैसी प्रमुख नदियों के साथ-साथ छोटे जलाशयों की सफाई और संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को बढ़ाया गया है। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं।

Tags: Uppcb
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