नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान समिति अकादमी की बहुप्रतिक्षित रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन और क्यूबा में अमेरिकी राजनयिक ‘निर्दिष्ट’ माइक्रोवेव विकिरण के कारण बीमार हुए होंगे। विदेश विभाग ने यह अध्ययन किया था और शनिवार को जारी की गई रिपोर्ट वर्ष 2016 में हवाना में अमेरिकी राजनयिकों के अचानक किसी रहस्मयी बीमारी की चपेट में आने के मामले का पता लगाने की कड़ी में नया प्रयास माना जा रहा है। इसे हवाना सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
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इस प्रकार की बीमारी पर पूर्व में सोवियत संघ में सामने आए थे। इस रिपोर्ट में 19 सदस्यीय समिति ने कहा कि इस चिकित्सा रहस्य की तह तक जाने में उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इनमें से सभी में लक्षण समान नहीं थे और नैशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज रिसर्च बीमारी पर अतीत में हुए सभी अध्ययनों के नतीजे हासिल नहीं कर सकी जिनमें से कुछ गोपनीय थे।
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समिति के अध्यक्ष डेविड रिलमैन ने कहा, ‘समिति ने पाया कि ये मामले काफी चिंताजनक हैं, न सिर्फ निर्दिष्ट, पल्स रेडियो फ्रीक्वेंसी ऊर्जा को एक तंत्र के रूप में इस्तेमाल करने की भूमिका के संदर्भ में, बल्कि उन अहम दिक्कतों के कारण भी जो उनमें से कुछ लोगों में पैदा हुई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें एक राष्ट्र के रूप में इन विशिष्ट मामलों और भविष्य में सामने आ सकने वाले मामलों से एक ठोस, समन्वित और व्यापक दृष्टिकोण के साथ निपटने की आवश्यकता है।’
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रिपोर्ट में इस दिशा में कुछ भी निर्णायक निकलकर नहीं आया है। जांच के दौरान अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 40 से ज्यादा अमेरिकी राजनयिकों की जांच की। इनमें से कई लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत तेज आवाज सुनाई दी और सिर में दबाव महसूस होने लगा और इसके बाद उनका सिर चकराने लगा तथा देखने में दिक्कत होने लगी थी। कई राजनयिकों को तो लंबे समय तक कई परेशानियों से जूझना पड़ा है।