उत्तराखंड : उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी के बारे में भेड़ पालकों ने वन विभाग को कई बार जानकारियां दी हैं, लेकिन अभी तक इनकी गिनती नहीं हो पाई थी। उत्तराखंड में पहली बार दो नवंबर से हिम तेंदुओं की गणना शुरू की गई है। इसमें वन विभाग की वाइल्ड लाइफ विंग के अलावा सिक्योर हिमालय एनजीओ और भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून शामिल हैं।
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उत्तरकाशी जिले के पंडित गोविंद बल्लभ पंत वन्य जीव एवं राष्ट्रीय पार्क स्थित उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं। गणना करने वाली टीमों को पार्क की रूपिन और सांकरी रेंज में हिम तेंदुओं का मल और पंजों के निशान मिले हैं। मल को सुरक्षित कर डीएनए टेस्ट के लिए भारतीय वन्य जीवन संस्थान देहरादून भेजा जा रहा है। वहीं, पंजों के निशान भी टीमों ने कैमरे में कैद किए हैं।
हिम तेंदुओं की मौजूदगी का दावा करने वाले भेड़ पालन करने वाले ग्रामीणों को भी टीम का हिस्सा बनाया गया है। इनकी गणना 25 दिसंबर तक होनी है। उत्तरकाशी जिले के पंडित गोविंद बल्लभ पंत वन्य जीव एवं राष्ट्रीय पार्क के रूपिन, सूपिन और सांकरी रेंज में भी भेड़ पालक हिम तेंदुओं की मौजूदगी का दावा करते आए हैं।
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वन विभाग को पहली बार दो रेंजों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं। पार्क के उप निदेशक कोमल सिंह ने बताया कि रूपिन रेंज के चांगसिल बुग्याल और हरकी दून के सांकरी रेंज में कई जगह हिम तेंदुओं का मल और पंजों के निशान मिले हैं।