वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) का विशेष महत्व होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ ज्योतिषीय उपाय करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
कहा जाता है कि एकादशी और पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और व्रत करने से पुण्य फल प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा ने भी वैशाख पूर्णिमा का व्रत किया था। व्रत के प्रभाव से उन्हें सभी समस्याओं से मुक्ति मिल गई थी।
वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) कब है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। साल 2024 में वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) 23 मई, गुरुवार को है। वैशाख माह का संबंध विशाखा नक्षत्र से है। इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख पूर्णिमा 22 मई को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर होगी और 23 मई गुरुवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इस तरह वैशाख पूर्णिमा इस बार 23 मई को मनाई जाएगी।
वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) पर करें ये उपाय
– वैदिक ज्योतिष के अनुसार चप्पल, छाता, घड़ा आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने के लिए वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) का दिन शुभ माना जाता है।
– इस दिन झाड़ू और काले तिल का दान करना चाहिए। वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन इन चीजों का दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
– वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन 11 पीली कौड़ियां लेकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। फिर अगले दिन इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। धार्मिक मान्यता है कि कौड़ियों को तिजोरी में संभाल कर रखने से धन से जुड़ी समस्याएं नहीं आती हैं।