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वाराणसी : 5 हजार अजन्मी बेटियों का पिता बनकर किया दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान

पिंडदान

5 हजार अजन्मी बेटियों का पिंडदान

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उन 5000 अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना से ‘श्रद्ध’ किया गया, जो दुनिया में आने से पहले ही सामाजिक कुरीतियों के कारण मां की गर्भ में मार दी गईं।

समाजिक संस्था ‘आगमन’ की ओर ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट पर आयोजित ‘श्राद्ध’ में काफी संख्या में लोग शामिल हुए तथा सांकेतिक तौर पर पुष्प अर्पित कर मृत बेटियों की मोक्ष के लिए प्रार्थना की।

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संस्था के संस्थापक सचिव डॉ संतोष ओझा ने बताया कि लगातार छह वर्षो से उन अजन्मी बेटियों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध का आयोजन किया गया ताकि लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक किया जा सके। उनका मानना है कि गर्भपात महज एक ऑपरेशन नहीं बल्कि ‘हत्या’ है। ऐसे में कोख में मारी गई उन बेटियों को भी मोक्ष मिले और समाज से ये कुरीति दूर हो सके।

उन्होंने बताया कि आज पांच हजार अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना से वैदिक रीति-रिवाज के साथ श्राद्ध किया गया। आचार्य पंडित दिनेश शंकर दुबे के आचार्यत्व में पांच ब्राह्मणों द्वारा ये अनुष्ठान कराया गया।

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डॉ0 ओझा का दावा है कि ‘आगमन’ संस्था अब तक कुल 31 हजार 500 बेटियों को सांकेतिक मोक्ष का अधिकार दिला चुकी है।

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