धनतेरस के दिन से दीपोत्सव पर्व की शुरुआत हो चुकी है। दिवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा का स्वागत करने के लिए घर को लाइट, दिया समेत रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। इसके साथ ही दिवाली के मौके पर घर के मुख्यद्वार पर तोरण या बंदनवार (Bandanwar) लगाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अशोक के पत्तों का बंदनवार घर में खुशहाली लेकर आता है। अशोक के पत्तों का बंदनवार घर में सुख-संपन्नता लेकर आता है। पीली कौड़ी या सीप का बंदनवार (Bandanwar) घर की नेगेटिविटी दूर करता है। इसके अलावा बंदनवार बांधने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
वास्तु के अनुसार, घर में धन, सुख-संपन्नता के लिए बंदनवार (Bandanwar) बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए वास्तु एक्सपर्ट आचार्य मुकुल रस्तोगी से जानते हैं बंदनवार लगाने के वास्तु टिप्स…
बंदनवार (Bandanwar) लगाने के वास्तु टिप्स
– वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा में हरे, ऑरेंज और पीच रंग का बंदनवार (Bandanwar) लगाना चाहिए।
– पश्चिम दिशा में सफेद, सिल्वर रंग का बंदनवार लगाना चाहिए।
– उत्तर दिशा में नीले या हरे रंग का बंदनवार लगाना चाहिए।
– दक्षिण दिशा में लाल रंग का बंदनवार लगाना शुभ माना जाता है।
इस बात का ध्यान रखें कि बंदनवार (Bandanwar) में देवी-देवताओं की मूर्ति आदि न हो। द्वार पर लटकते हुए भगवान शुभ नहीं माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, मार्केट में रंग-बिरंगे कांच या प्लास्टिक के तोरण मिलते हैं। वास्तु में दिवाली के मौके पर फूलों और आम के पत्तों से निर्मित तोरण (Bandanwar) को लगाना शुभ माना जाता है।