जयपुर। राजस्थान में भाजपा विधायक दल की गुरुवार को आयोजित हुई बैठक में जहां पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मोर्चा संभालता नजर आया, वहीं अपनी चुप्पी को लेकर लगातार सवालों के घेरे में बनी हुईं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी सक्रिय दिखीं। उन्होंने बैठक में मंच साझा किया। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है।
तीसरे खाड़ी देश के साथ शांति समझौता करने पर गर्व महसूस कर रहा हूं : नेतन्याहु
राज्य में लगातार बदल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच वसुंधरा राजे की चुप्पी तथा पार्टी के निर्णय के बावजूद करीब 12 विधायकों के गुजरात जाने से मना करने के बाद भाजपा में गुटबाजी के संकेत मिले थे। ऐसे में विधायक दल की बैठक में सभी की नजरें वसुंधरा राजे की मौजूदगी पर लगी थीं, लेकिन राजे तय समय पर बैठक में आई और पार्टी नेताओं के साथ मंच साझा किया। पार्टी में गुटबाजी की खबरों पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाजपा में फूट की खबरें फैला रहे हैं। उन्हें बता दूं कि भाजपा एक परिवार है, जिसको आगे बढ़ाने के लिए हम सभी एकजुट और संकल्पित हैं।
उन्होंने अपनी मां विजया राजे सिंधिया को याद करते हुए कहा, ‘उन्होंने मुझे सिखाया था कि जिस पार्टी की मैं कार्यकर्ता हूं, उसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और मैं उन्हीं के कदमों पर आगे बढ़ रही हूं।’ बैठक में राजे ने राममंदिर निर्माण के भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी। बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने आलाकमान की ओर से सबको एकजुट रहने का संदेश दिया और कहा कि हमारे लिए देश और पार्टी सबसे पहले है। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान में पार्टी में सब कुछ ठीक है। किसी को फिक्र करने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस में टूट की जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस ही है और सरकार गिरेगी तो अपने भार से।
एक विधायक ने कहा कि राजे ही हमारी नेता : विधायक दल की बैठक के बाद छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा है कि वसुंधरा राजे ना केवल बड़ी नेता हैं, बल्कि मैं उनको अपना नेता मानता हूं। हालांकि, जब उनसे प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की पूनिया प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कहना सभी को मानना पड़ता है।
हटिया बर्तन बाजार में ढहा चार मंजिला मकान, मां-बेटी की हुई मौत, बचाव कार्य जारी
राजस्थान के सियासी संकट के दौरान राजस्थान से बाहर भेजे गए भाजपा विधायकों का कहना है कि उनके पास स्थानीय जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों और कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के फोन आ रहे थे। गौरतलब है कि सियासी घटनाक्रम के दौरान भाजपा ने अपने 12 से ज्यादा विधायकों को गुजरात भेजा था। धर्म नारायण जोशी, गुरदीप सिंह शाहपनी व निर्मल कुमावत ने फोन आने की बात कही।