सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस बार यह व्रत 6 जून को मनाया जाएगा। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से घर में खुशियां बनी रहती हैं। साथ ही पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन किया जाए, तो पूजा का पूर्ण फल मिलता है। इस तिथि पर वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन यह बहुत आवश्यक माना जाता है।
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) तिथि
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को शाम 6:24 बजे शुरू होगी। वहीं, यह तिथि अगले दिन 06 जून को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। वट सावित्री व्रत उदया तिथि के अनुसार, 6 जून को रखा जाएगा।
वट वृक्ष पर अर्पित करें ये चीजें
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) के दिन जल में गाय का दूध मिलाकर वट वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। इस प्रकार सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा का वास होता है। ऐसे में बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
इस पेड़ को भगवान का प्रतीक माना जाता है। वट वृक्ष से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में अगर आप व्रत नहीं कर रहे हैं, तो भी वट वृक्ष की पूजा करें।