लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं बढ़ाने का भरोसा दिलाते हुये वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये डेढ़ लाख करोड़ रूपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अपने सरकारी आवास पर शुक्रवार को राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ राजस्व संग्रह की समीक्षा करते हुये उन्होने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1.50 लाख करोड़ रूपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया और कहा कि प्रदेश मे पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं बढ़ाया जायेगा। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने माैजूदा वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह के लिए जोनवार लक्ष्य की समीक्षा करते हुए लक्ष्य प्राप्ति के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली और अलग-अलग ज़ोन के पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश का कुल राजस्व संग्रह 58,700 करोड़ था जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग एक लाख करोड़ रूपये हो गया है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लक्ष्य 31,786 करोड़ के सापेक्ष 32,386 करोड़ रूपये का संग्रह है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, लोककल्याणकारी कार्यों में व्यय होगा। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ रूपये के जीएसटी और वैट संग्रह लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति के लिए ठोस कोशिश की जाएं।
श्री योगी ने कहा “ जनहित का ध्यान रखते हुए हमने प्रदेश में वैट की दर में बढ़ोतरी अथवा अन्य कोई नया कर नहीं लगाया है। आज पेट्रोल/डीजल पर सबसे कम वैट की दर उत्तर प्रदेश में है। निकट भविष्य में भी वैट में कोई बढ़ोतरी नहीं होगा। इसका ध्यान रखते हुए ज़ोन वार पोटेंशियल के अनुसार राजस्व संग्रह बढ़ाने का प्रयास किया जाए।”
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उन्होने कहा कि राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए शासन स्तर से फील्ड के अधिकारियों को साप्ताहिक टारगेट दिया जाए। इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाए। किस ज़ोन में छापेमारी की कितनी कार्रवाई हुई, कितना राजस्व संग्रह हुआ, सबकी रिपोर्ट तैयार की जाए। वह स्वयं मासिक बैठक कर जोनवार समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी कंजप्शन आधारित कर प्रणाली है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है। अतः कंजप्शन में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है। प्रदेश में इसके लिए अनुकूल माहौल है।
उन्होने कहा कि राज्य कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। सतत प्रयासों से वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक हो गई है। आगामी 06 माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर काम करें।
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उन्होने कहा कि व्यापारियों को जागरूक करते हुए अधिकाधिक व्यापारी बंधुओं को जीएसटी में पंजीकृत कराया जाए। व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन/रिटर्न दाखिल करने के फायदों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। छोटे कस्बों में गोष्ठियां आयोजित करें। गोरखपुर और बस्ती मंडल जैसे कई क्षेत्रों में में अभी जागरूकता का अभाव है। इसके लिए फील्ड स्तर के अधिकारियों को विशेष प्रयास करना होगा।
श्री योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि संविदाकार को भुगतान करते समय टीडीएस की कटौती करके जमा किये जाने वाले विवरण जीएसटीआर-7 और जीएसटीआर-3बी के अंतर के आधार पर टैक्स जमा जमा हो। जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। जिनका आईटी टूल्स के माध्यम विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। जोन वार विश्लेषण कराते हुए रणनीति तय किया जाए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का भी अधिकाधिक प्रयोग करें।
उन्होने कहा कि विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अधिकांश ज़ोन की कार्यशैली में सुधार की जरूरत है।
राजस्व संग्रह में आगरा, बरेली, गोरखपुर, अयोध्या आदि जोन ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सराहनीय प्रयास किया है। इनके बेस्ट प्रैक्टिस को अन्य ज़ोन को भी अपनाना चाहिए। झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के अनेक बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यहां बहुत संभावनाएं हैं। कार्यशैली में सुधार कर कर चोरी पर प्रभावी लगाम लगाई जाए।
उन्होने कहा कि एसजीएसटी की चोरी/अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। छापेमारी की कार्यवाही से पहले पुख्ता जानकारी इकठ्ठा करें। रेकी करें। पूरी तैयारी करें। इंटेलिजेंस को और बेहतर करने की आवश्यकता है।