नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने वर्किंग कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी पर मचे बवाल पर बात की है। पहली बार इस मसले पर बोलते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि उस दिन जो कुछ भी हुआ उससे वो “बहुत दुखी हैं”। शर्मा ने कहा कि कार्यसमिति कि बैठक में ऐसे लोगों ने अपमानजनक टिप्पणियां की, जिन्होंने चिट्ठी पढ़ी तक नहीं थी। ऐसे लोगों को जानबूझकर हमपर बयान देने कि अनुमति दी गई।
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आनंद शर्मा ने कहा कि हम में से कोई अध्यक्ष पद का दावेदार नहीं। शर्मा ने ये भी बताया कि चिट्ठी को लेकर कोई दुर्भावना ना हो, इसलिए उन्होंने कार्यसमिति की बैठक में ही मांग की थी कि चिट्ठी को उसी वक्त मीडिया को रिलीज़ किया जाए, जिससे सबको पता चले कि चिट्ठी में पार्टी कि मजबूती के लिए सकारात्मक सलाह दी गई है। चिट्ठी में बीजेपी पर सवाल उठाया गया है ना कि गांधी परिवार को कोई चुनौती दी गई है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
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शर्मा ने कहा कि कार्यसमिति की बैठक जानबूझकर उस प्रकार बुलाई गई थी और चिट्ठी के कुछ अंश को कुछ लोग जानबूझकर कर तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे थे। आनंद शर्मा ने कहा कि चिट्ठी हमारी एक कोशिश थी सच्चाई का एहसास दिलाने की। बीजेपी से एक संगठित कांग्रेस ही लड़ सकती है।
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शर्मा ने ये भी कहा कि वो कार्यसमिति में सोनिया गांधी के आखिरी वक्तव्य का सम्मान करते हैं कि हम सब एक परिवार हैं। जो हुआ उसे भूल के आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सोनिया गांधी हमें जल्द बुला के बात करेंगी। हम पार्टी को नुकसान पहुंचाने की सोंच भी नहीं सकते हैं। हमने पार्टी खड़ी की है, अपना सबकुछ पार्टी को दिया है।