1400 करोड़ स्मारक घोटाला: पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन—बाबू सिंह कुशवाहा को विजलेंस भेजेगी नोटिसलखनऊ.
उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) बसपा सरकार में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। पिछले दिनों चार अफसरों और दो पट्टाधारकों की गिरफ्तारी के बाद मिले साक्ष्यों के आधार पर विजिलेंस दोनों पूर्व मंत्रियों को बयान दर्ज करवाने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी में है। यह काफी चर्चित मामला था।
बसपा सरकार में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में एक जनवरी 2014 को दर्ज मुकदमे में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा आरोपी बनाए गए थे। मामले की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट में चल रही है। अब विजलेंस दोनों पूर्व मंत्री पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
विगत दिनों चार अफसरों और दो पट्टाधारकों की गिरफ्तारी के बाद मिले साक्ष्यों के आधार पर विजिलेंस दोनों पूर्व मंत्रियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजने पर विचार कर रही है। एडीजी विजिलेंस पीवी रामाशास्त्री ने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच में साक्ष्य मिलने पर संबंधित के बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। अब तक करीब 20 अधिकारियों सहित 40 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है।
बसपा सरकार में लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था। इसकी शुरुआती जांच तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा ने की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट 20 मई 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपी थी। इसमें उन्होंने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 199 लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, बाद में अखिलेश सरकार ने विजिलेंस को जांच सौंप दी।
विजिलेंस की जांच काफी धीमी गति से चल रही है। इसमें विगत चार वर्षों में कोई प्रगति नहीं हुई। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए मामले में तेज कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद विजिलेंस ने जांच पूरी की और अभियोजन की स्वीकृति के लिए प्रकरण शासन को भेजा था। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।