हिंदू धर्म में चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी व्रत (Vinayaka Chaturthi) के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। बता दें कि प्रत्येक माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी अथवा विनायक चतुर्थी व्रत का पालन किया जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत का पालन किया जाएगा, जिसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं, तिथि और शुभ मुहूर्त।
विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 4 नवंबर रात्रि 11:24 पर होगा और इस तिथि का समापन 6 नवंबर मध्य रात्रि 12:16 पर हो जाएगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत का पालन 5 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन किया जाएगा।
विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) पूजा मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना अभिजीत मुहूर्त में की जाती है, जो सुबह 11:40 से दोपहर 12:30 के बीच रहेगा। वहीं दान-पुण्य के लिए भी इस मुहूर्त को उत्तम कहा जाता है। इसके साथ इस विशेष दिन पर रवि युग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 6:30 से सुबह 9:40 तक रहेगा। इस दौरान स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत का क्या है महत्व
शास्त्रों में विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है व जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी कहा जाता है, इसलिए यह व्रत छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस विशेष दिन पर दान-पुण्य और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।